चर्चित समय का इतिहास

चर्चित समय का इतिहास

क्या आप जानते हैं कि जर्मनी अपने देश के इतिहास में हिटलर को नहीं पढ़ाता। जबकि अगर कहा जाए तो वो ही उस देश के सबसे चर्चित समय का इतिहास है। रोमन लोग डेन्यूब नदी के नार्थ की तरफ रहने वाले कुछ खूंखार कबीलों को जर्मनिया कहते थे हिंदी में गेर्मानिया, जो बाद में जर्मनी हुआ।

इसलिए ही शायद आप विश्व इतिहास पढ़े तो जर्मन ज्यादातर खलनायक ही मिलेंगे, पर आज वहां ये सभी किस्से उनके यहां मैमोरियल, म्यूजियम और लाइब्रेर  में मिलेंगे पर स्कूली किताबों में नहीं। आज का जर्मनी अपने बच्चों को लोकतंत्र पढ़ाना चाहता है वो सभ्य हो गया है। बच्चों के लिए उनका इतिहास वीमर रिपब्लिक से शुरू होता है, जो कि लोकतांत्रिक सरकार थी और पहले विश्वयुद्ध के बाद बनी थी, हालांकि ये सरकार हिटलर को उभरने से रोक नहीं पाई, पर वो लोकतांत्रिक थी इसलिए बच्चों को बताना जरूरी समझा गया।

वे लोग अब सभ्य और सफल हैं, वे लोकतंत्र में सम्मानजनक आस्था रखते हैं। इसलिए उन्होंने इसे बताना जरूरी समझा।  बच्चों को ज्यूस की डायरियां और कविताएं पढ़ाई जाती हैं और मीन काम्फ भी। ताकि लोग हिटलर की कथनी और करनी में अंतर समझ सकें। उस दौर का प्रमुख व्हाइट रोज संगठन जो कि नाजियों के खिलाफ खड़ा था, उसे या जो भी और नाजियों के खिलाफ थे सभी हीरो हैं वहां।

वे युद्ध में नाजियों की जीत नहीं बताते, बल्कि उनके द्वारा किए अत्याचार बताते हैं। यहां तक की जर्मनी की बर्बादी भी नाजियों के सिर ही मढ़ी गई है,जोकि नाजियों ने एलाई फौजों को रोकने के लिए पुल और इमारतें वगैरह तोड़ी थीं। हिटलर हों या गोयबल्स सभी की सुसाइड को कायरों की तरह समझा जाता है और सार्वजनिक रूप से उनके बारे में बात तक नहीं की जाती है वहां पर।

यहां तक कि नाजियों से जुड़ा कोई भी स्मृति चिन्ह या साहित्य सभी कुछ बैन है। लगातार नाजियों के खिलाफ माहौल बनाकर दशकों बाद जर्मनी की दीवार तोड़ी गई। और ये सब हेल्मेट कोल जैसे नेताओं की मेहनत का फल था। कोई भी देश अपने लिए विकास और विनाश के रास्ते खुद बनाता है। बस समय कुछ महान लोगों के हिस्से ही ये जिम्मेदारी सौंपता है।