चीन और पाकिस्तान किसी खास मिशन के तहत कर रहे साजिश: राजनाथ

चीन और पाकिस्तान किसी खास मिशन के तहत कर रहे साजिश: राजनाथ

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सड़क संपर्क बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए पाकिस्तान और चीन से खतरे की बात कही। सिंह की इस खतरे की बात तब कही, जब भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए अपनी सातवें दौर की सैन्यवार्ता कर रहे थे। इन …

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सड़क संपर्क बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए पाकिस्तान और चीन से खतरे की बात कही। सिंह की इस खतरे की बात तब कही, जब भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए अपनी सातवें दौर की सैन्यवार्ता कर रहे थे। इन इलाकों में चीन और पाकिस्तान किसी खास मिशन के तहत साजिश कर रहे हैं।

लेकिन भारत इन संकटों का मजबूती से सामना कर रहा है और इन सभी क्षेत्रों में बड़े और ऐतिहासिक बदलाव भी ला रहा है। उन्होंने कि आप हमारी उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर बनी स्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। पहले पाकिस्तान और अब चीन की ओर से भी एक मिशन के तहत सीमा विवाद पैदा किया जा रहा है। पाकिस्तान और चीन के साथ हमारी करीब 7000 किलोमीटर लंबी सीमा है।

रक्षामंत्री ने सोमवार को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बनाए गए 44 पुलों के ई-उद्घाटन के दौरान यह बात कही। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में नेचिपु सुरंग के लिए आधारशिला भी रखी। इनमें से अधिकांश पुल वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक जाने वाले क्षेत्रों के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाते हैं, जो भारत-चीन गतिरोध के बीच बुनियादी ढांचे के लिहाज से एक बड़ा कदम है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इनमें से आठ पुल लद्दाख में हैं और 10 पुल जम्मू एवं कश्मीर में हैं। ये पुल रणनीतिक महत्व के हैं और दूरदराज के क्षेत्रों को कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं।

यह 44 पुल सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं। रक्षामंत्री ने कहा कि देश हर क्षेत्र में कोविड-19 के कारण उपजी अनेक समस्याओं का सामना कर रहा है। भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में विकासात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, मंत्री ने कहा कि इस तरह की सभी परियोजनाओं में प्रगति की नियमित रूप से निगरानी की जाती है और इनके समय पर निष्पादन के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जाता है।