Bareilly News: गुप्तकालीन 'मिट्टी का शंख' आपको सोचने पर कर देगा मजबूर, आखिर क्यों बनाया गया होगा इसे?
बरेली, अमृत विचार। आज तक आपने तरह-तरह के शंख देखे होंगे, लेकिन आज हम आपको जो दिखाने वाले हैं, वह प्राचीन कला और संस्कृति के बारे में आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। क्योंकि यह गुप्तकालीन शंख टेराकोटा से बना हुआ है जोकि बेहद खास माना जा रहा है। वैसे आपने टेराकोटा की बनी कई वस्तुएं देखीं होंगी, लेकिन ये शंख खुद में बहुत ही खास माना जा रहा है।
बता दें कि टेराकोटा से बना यह शंख बरेली स्थित महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति विभाग के पांचाल संग्रहालय के शोकेस में इतिहास प्रेमियों के लिए रखा गया है। जिसका अवलोकन करने के लिए दूर-दूर से लोग पांचाल संग्रहालय पहुंचते हैं।
इसको लेकर पांचाल संग्रहालय के रिसर्च एसोसिएट डॉ. हेमंत मनीषी शुक्ला बताते हैं कि गुप्तकालीन और पाषाणकालीन की जो हमारे पास टेराकोटा की मूर्तियां हैं। उसमें एक बड़ा ही विलक्षण टेराकोटा का गुप्तकालीन शंख भी शामिल है। रिसर्च एसोसिएट ने कहा कि यह कितनी रोचक बात है जब शंख बहुत आसानी और बड़ी मात्रा में उपलब्ध थे, तो मिट्टी के भी शंख भी बनते थे। ऐसे में प्रश्न उठता है कि इसका उद्देश्य क्या रहा होगा?
वहीं वर्तमान समय में हम दिवाली पर बच्चों के खेलने के लिए मिट्टी के बर्तन, खिलौने, मूर्तियां बाजारों में उपलब्ध हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम वह जीवित सभ्यता हैं जो चार से पांच हजार साल पुरानी चीजों को आज भी अपने घरों में इस्तेमाल कर रहें हैं। जिनमें ओखली, सिलबट्टा जैसी वस्तुएं शामिल हैं।
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