रुद्रपुर: बाबा तरसेम हत्याकांड : 10 दिनों में 13 टीमें भी शूटर्स को पकड़ने में नाकाम

रुद्रपुर: बाबा तरसेम हत्याकांड : 10 दिनों में 13 टीमें भी शूटर्स को पकड़ने में नाकाम

रुद्रपुर, अमृत विचार। डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह के हत्या आरोपियों को पकड़ना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। बेहद शातिर दोनों हत्या आरोपी लगातार ठिकाने बदल रहे हैं। यही वजह है कि तेज तर्रार पुलिस कर्मियों की 13 टीमें 10 दिनों में भी उन तक नहीं पहुंच सकी हैं। अभी तक उन्हें संरक्षण देने वाले चार लोग ही पुलिस के हत्थे चढ़े हैं।

बाबा तरसेम सिंह की हत्या हुए दस दिन हो गए हैं। बीती 28 मार्च की सुबह छह बजे बाबा तरसेम सिंह की डेरा परिसर में ही हत्या कर दी गई थी। उसी दिन बाइक सवार दोनों हत्या आरोपियों की पहचान कर ली गई थी। लेकिन, उपलब्धि के नाम पर सिर्फ हत्या आरोपियों को संरक्षण देने वाले चार लोगों की गिरफ्तारी ही है।

दोनों हत्यारोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। एसओजी, एसटीएफ और एसआईटी समेत 13 टीमें सर्विलांस और मैनुअल दोनों तरह से उन्हें खोजने में जुटी हैं। इन टीम में कुमाऊं भर से तेज तर्रार पुलिस कर्मियों और अफसरों को रखा गया है। दोनों हत्यारोपी लगातार ठिकाने बदलकर पुलिस टीमों को चकमा दे रहे हैं। दस दिनों बाद भी पुलिस हत्यारोपियों के लोकेशन तक ट्रेस नहीं कर सकी है। हालांकि उनके परिजनों को भी हिरासत में लिया गया है। अभी तक बाबा की हत्या का स्पष्ट मकसद भी पता नहीं लग सका है। 

पुलिस के मुताबिक हत्यारोपी सर्वजीत सिंह और अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा दोनों शातिर अपराधी हैं। इनके खिलाफ पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं। अभी तक की जांच में पता चला है कि हत्या के बाद दोनों हत्यारोपियों ने शाहजहांपुर, पीलीभीत, नेपाल, पंजाब में कई स्थानों पर शरण ली थी।

लेकिन कहीं भी उन्होंने मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया। सूत्र बताते हैं कि एक आरोपी ने नेपाल और दूसरे ने ढाका में शरण ले रखी है। दोनों आरोपियों द्वारा मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने से अब पुलिस मैनुअल नेटवर्क के सहारे आगे बढ़ रही है। हर सूचनाओं की पुष्टि की जा रही है। पुलिस अफसर लगातार मामले पर निगाह रखे हैं और मॉनीटरिंग कर रहे हैं।