लोकसभा चुनाव 2024: 25 से 30 फीसदी बढ़ गया गाड़ियों का किराया...अब प्रत्याशियों को भी खली महंगाई
एक हजार रुपये तक बढ़ा बड़ी गाड़ियों का रोज का किराया, डीजल और पेट्रोल की बढ़ी कीमतें भी कर रही हैं परेशान
सुरेश पांडेय, बरेली। लोकसभा चुनाव 2019 में प्रत्याशियों के लिए अधिकतम व्यय सीमा 70 लाख थी जो इस बार 95 लाख हो गई है। जाहिर है कि महंगाई बाकी सब चीजों के साथ चुनाव पर भी आई है, यह अलग बात है कि चुनाव लड़ने का मौका आया तो ये महंगाई प्रत्याशियों को भी परेशान कर रही है। चुनाव प्रचार के लिए किराए की गाड़ियों के बाजार में 2019 की तुलना में 25 से 30 प्रतिशत तक महंगाई बढ़ गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि प्रमुख दलों के प्रत्याशियों को इस चुनाव में 40 से 50 लाख तक का खर्च सिर्फ चुनाव प्रचार वाहनों पर ही करना पड़ेगा।
बरेली और आंवला में अभी नामांकन शुरू नहीं हुए हैं लेकिन शहर में ट्रैवल एजेंसी यानी किराए की गाड़ियों के बाजार में प्रत्याशियों के नुमाइंदों की आमद होने लगी है। ट्रैवल एजेंसी वालों से उनके पास उपलब्ध गाड़ियों और उसके किराए का हिसाब लिया जाने लगा है। पिछले चुनाव में प्रत्याशियों ने पूरे चुनावी व्यय का एक तिहाई से लेकर आधा तक खर्च गाड़ियों पर किया था। इस बार महंगाई की वजह से चुनाव व्यय सीमा बढ़ने के बावजूद इससे ज्यादा खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
एक गाड़ी का खर्च रोज चार से पांच हजार तक
हमेशा की तरह इस चुनाव में भी बड़ी गाड़ियों की मांग ज्यादा है ताकि उसमें ज्यादा से ज्यादा समर्थक बैठ सकें। ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले मनोज, अंशु और राहुल बताते हैं कि इनोवा, अर्टिगा और स्विफ्ट डिजायर जैसी गाड़ियों का किराया इस बार साढ़े तीन से साढ़े चार हजार रुपये रोज तक है। छोटी गाड़ियों का रेट भी तीन हजार रुपये है। इसमें डीजल-पेट्रोल और ड्राइवर का भी खर्च शामिल है लेकिन शर्त यह है कि गाड़ी एक दिन में डेढ़ सौ किमी से ज्यादा नहीं चलेगी। पिछले चुनाव में यह रेट एक हजार रुपये तक कम था।
अगर कोई डीजल-पेट्रोल और ड्राइवर का खर्च अलग से देता है तो इनोवा जैसी गाड़ी का किराया डेढ़ से दो हजार रुपये तक है। गाड़ी एक दिन में डेढ़ सौ किमी से ज्यादा न चलाने और सुबह से शाम तक आठ घंटे ही उपलब्ध रहने की भी शर्त है। इस लिहाज से दोनों सूरत में प्रत्याशी को एक गाड़ी चलाने की एवज में रोज छह से सात हजार रुपये तक खर्च करने होंगे। ट्रैवल एजेंसियों के मुताबिक चुनाव जोर पकड़ने के साथ ये रेट और बढ़ेंगे क्योंकि धीरे-धीरे गाड़ियों की कमी पड़ने लगती है और उन्हें इधर-उधर से बंदोबस्त करना पड़ता है।
पांच साल में पेट्रोल और डीजल 27 रुपये महंगा
लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पेट्रोल 68.66 और डीजल 61.82 रुपये लीटर था लेकिन इस चुनाव में दोनों के रेट करीब 27 रुपये लीटर तक बढ़ गए हैं। फिलहाल पेट्रोल का रेट 95.03 और डीजल का 88 रुपये लीटर है। इसकी मार प्रत्याशियों पर भी पड़ेगी।
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