कानपुर में टीचर के उलाहना देने पर नौवीं के छात्र ने दी जान: परिजनों का आरोप- पढ़ाई में कमजोर होने का ताना देती थी शिक्षिका...सहपाठी भी चिढ़ाते थे

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। गुजैनी थानाक्षेत्र में 14 साल के किशोर, नौवीं के छात्र ने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। परिजनों का आरोप है कि स्कूल की टीचर पढ़ने में कमजोर बताकर छात्र को उलाहना देती थी। साथी बच्चे भी स्कूल में भगोड़ा कहकर उसका मजाक उड़ाने लगे थे। इस बात से वह अवसाद में रहने लगा था। 

मूलरूप से कानपुर देहात के बैजा राजपुर निवासी कमल सिंह जम्मू में सेना में सूबेदार हैं। गुजैनी के तात्याटोपे नगर में उनका परिवार रहता है। परिवार में पत्नी नीतू और बड़ा बेटा 14 वर्षीय दिलखुश उर्फ बिट्टू और 9 वर्षीय कृष्णा है।

दिलखुश सीएचएस स्कूल में नौंवीं का छात्र था। परिजनों का आरोप है स्कूल की एक टीचर कई दिनों से उसे पढ़ाई में खराब बताकर उलाहना दे रही थी। पढ़ने वाले बच्चे भी उसका मजाक उड़ाते थे। इससे वह परेशान था।

आरोप है कि छुट्टियों में शुक्रवार को मां नीतू दिलखुश की फीस जमा करने स्कूल गई थीं। घर लौटते ही दिलखुश ने तुरंत मां से पूछा कि टीचर क्या कह रही थीं। इस पर उन्होंने बताया कि टीचर ने थोड़ी निगरानी और देख रेख की बात कही है।

इसके बाद दिलकुश फर्स्ट फ्लोर से जीने का दरवाजा अंदर से बंद करके तीसरे खंड में बने कमरे में पहुंचा और दो ड्रम रखकर बेडशीट से पंखे के कुंडे से फांसी लगा ली। परिजनों ने बताया कि फांसी लगाते ही दोनों ड्रम तेज आवाज के साथ फर्श पर गिरे। इसके बाद मां को कुछ शंका हुई। वह ऊपर जाने लगीं तो दरवाजा अंदर से बंद था। इस पर परिवार के अन्य लोगों को सूचना दी गई।

इसके बाद आंगन के लोहे के जाल को 2 घंटे की कड़ी मशक्कत से काटकर छोटे भाई कृष्णा को ऊपर चढ़ाया गया तो कमरे में उसका शव लटकता दिखा। सूचना पर पहुंची गुजैनी पुलिस ने घटना की फोरेंसिक टीम के साथ जांच की। गुजैनी थाना प्रभारी विनय तिवारी का कहना था कि तहरीर मिलने के बाद जांच कर कार्रवाई की जाएगी। 

हाथ में लिए था रस्सी 

परिजनों ने बताया कि दिलखुश बहुत खुशमिजाज था। मोहल्ले के बच्चे उसके साथ खूब खेलते और मस्ती करते थे। बताया कि घटना से कुछ देर पहले एक दोस्त उससे मिलने घर आया था। उस दौरान वह नायलॉन की रस्सी हाथ में पकड़े था। दोस्त के जाने के बाद मां व छोटा भाई किसी काम में व्यस्त हो गए और उसने उसी रस्सी से फांसी लगा ली।

अंजाम देते ही ड्रम फर्श पर गिरे तब हुई जानकारी 

परिजनों ने बताया कि घटना को अंजाम देते ही दोनों ड्रम तेज आवाज में फर्श पर गिरे। इसके बाद मां को कुछ शंका हुई। वह ऊपर जाने लगी तो दरवाजा अंदर से बंद था। इस पर उसे घबराहट हुई तो परिवार के अन्य लोगों को सूचना दी गई। इसके बाद आंगन के लोहे के जाल को 2 घंटे की कड़ी मशक्कत से काटकर कृष्णा को चढ़ाया गया। इसके बाद दरवाजा खुलवाकर वह लोग ऊपर पहुंचे। जहां का दृश्य देखकर उन लोगों की चीखें निकल गईं। 

पिता को दी जानकारी तो फट गया कलेजा

दिलखुश की मां बेटा का शव देखकर बदहवास हो गई। उसने सेना में सूबेदार पति को घटना की जानकारी दी तो उनका कलेजा फट गया। वह तुरंत अफसरों को सूचना देकर कानपुर के लिए निकल पड़े। निकलने से आने पर पूरे रास्ते पल-पल उनके पहुंचने की जानकारी ली जाती रही। वह देर शाम जैसे ही घर पहुंचे तो सिर पकड़ कर सोचने पर मजबूर हो गए। परिवार और इलाकाई लोगों ने उन्हें ढांढस बंधाया। 

घटना से पहले दोस्त मिलने आया था तब हाथ में लिए था रस्सी 

परिजनों ने बताया कि दिलखुश बहुत खुशमिजाज था। मोहल्ले के बच्चे उसके साथ खूब खेलते और मस्ती करते थे। बताया कि घटना से कुछ देर पहले एक दोस्त घर उससे मिलने आया था। उस दौरान वह नायलॉन रस्सी हाथ में पकड़े था। उसके जाने के बाद और मां व छोटे भाई के व्यस्त होने पर वह ऊपर गया और मौत चुन ली। 

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