मुख्तार अंसारी ने लखनऊ में बसाये थे 'मिल्की मुसलमान', बेशुमार रुपया और कीमती जमीनों को बनाया टारगेट
विनय शुक्ला/ लखनऊ, अमृत विचार। सजायफ्ता माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसके आंतक का अध्याय बेशक खत्म हो गया है, लेकिन लोगों के जेहन में आज भी उसकी दशहत बरकरार है। जरायम की दुनिया में कदम रखने के बाद माफिया मुख्तार अंसारी ने धन उगाही के मकसद से 'मिल्की मुसलमानों' को लखनऊ में स्थापित कर बेशकीमती जमीनों को हथियाने का काम किया। यही मिल्की मुसलमान शहर में बड़े बिल्डर के रुप में उभर कर सामने आए। हालांकि, इन सभी बिल्डर पर लखनऊ पुलिस ने शिकंजा कस कर उनकी संपत्ति कुर्क की है।
आशियाना दिलाने के पर नाम जनता को छला
भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त हुए पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने बताया कि माफिया मुख्तार अंसारी के पास हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध थी। वर्ष 1996 में बसपा (बहुजन समाजवादी पार्टी ) से विधायक बनने के बाद वह बड़े राजनेताओं और कुछ अधिकारियों के बैठने लगा। माफिया मुख्तार अंसारी प्रशासनिक अधिकारियों को अपने घर में मेहमान-नवाजी के लिए बुलाता था। उन्होंने बताया कि धन उगाही के मकसद से माफिया ने 'मिल्की मुसलमानों' को लखनऊ में स्थापित किया, जो बड़े बिल्डर के रूप में काम करने लगे। इस कड़ी में शाइन सिटी इंफा कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम, शाहिद सिद्दीकी शोहरामऊ उन्नाव, राजे सिद्दीकी, एफआई बिल्डर अरशद और वाहिद सिद्दीकी लखनऊ में बड़े बिल्डर के रूप में स्थापित हो गये। इन सभी बिल्डरों ने जनता को आशियाना दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये ठग लिए है। वहीं, शाइन सिटी का सीएमडी राशिद नसीम निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये लेकर विदेश भाग गया।
राजधानी में मुख्तार के गुर्गों पर गिरी गाज
सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी राजेश पाण्डेय ने बताया कि वर्ष 2009 में मऊ में ठेकेदार मन्ना सिंह और उसके साथी राजेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भाई हरेंद्र सिंह की लिखित शिकायत पर कोतवाली नगर में मुख्तार अंसारी, हनुमान पांडे, अनुज कनौजिया, कल्लू सिंह, उमेश सिंह, संतोष सिंह, रजनी सिंह, शंकर सिंह, जामवंत कनौजिया उर्फ राजू, अमरेश कनौजिया और अरविंद यादव को आरोपी बनाया गया था। अगस्त 2023 में मुख्तार के गुर्गे उमेश सिंह और उसके भाई राजन सिंह के गोमतीनगर विस्तार के रिवर व्यू बेतवा अपार्टमेंट में स्थित फ्लैट को कुर्क किया जाएगा। इसी कड़ी में लखनऊ पुलिस ने एफआई बिल्डर अरशद और वाहिद सिद्दीकी, निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये लेकर फरार हो चुके शाइन सिटी का सीएमडी राशिद नसीम पर भी कड़ी कार्रवाई की।
मुख्तार और कृष्णानंद के गिरोह के बीच चली थी गोलियां
वर्ष 2004 में कैंट के कटाई पुल के पास मुख्तार और कृष्णानंद के गिरोह आमने-सामने होने पर दोनों के बीच जमकर गोलियां चली थीं। हालांकि, गोलीकांड में कोई हताहत नहीं हुआ था। दोनों पक्षों की तरफ से कैंट पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन माफिया की दहशत के मामले विवेचक गोलीकांड में उसका बयान दर्ज करने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे थे। विधायक निवास पर सुरक्षा बल के साथ विवेचक ने तब बयान दर्ज किए थे।