कासगंज: परंपरागत तरीके से मनाया गया होली का त्योहार, शहर से लेकर गांव तक जमकर बरसा रंग और गुलाल

कासगंज: परंपरागत तरीके से मनाया गया होली का त्योहार, शहर से लेकर गांव तक जमकर बरसा रंग और गुलाल

कासगंज, अमृत विचार। आपसी प्रेम और भाईचारे का प्रतीक रंगों का त्यौहार धुलंडी सोमवार को शहर सहित कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में हर्षोल्लास व धूमधाम के साथ मनाया गया। शहर में कई स्थानों पर होलिका दहन का आयोजन किया गया। 

शहर सहित जिले भर में 1460 स्थानों पर सुबह सूर्यउदय से पहले ही होलिका दहन हुआ। इसके बाद फिर शुरू रंग और गुलाल की होली का सिलसिला तो वातावरण सतरंगी हो गया। हुड़दंगियों की टोलियां मस्ती में झूमती नजर आई। दोपहर तक होली खेलने का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने रंग लगाकर एक दूसरे को गले लगाया और होली की शुभकामनाएं दी।

शहर में सुबह होलिका दहन के बाद गली मुहल्ले और मुख्य बाजारों में महिला पुरुष बच्चे और बड़े बूढे सभी होली की मस्ती में डूबे नजर आए। लोगों ने एक दूसरे को गले लगाया। रंग गुलाल लगाया होली की शुभकामनाएं दी। बच्चे और युवाओं की टेालियां लोगों पर रंग फेंक रहे थे। 

बैंडबाजों की धुन पर होली के गीतों पर नृत्य करती युवाओं की टोलियां मस्ती में चूर थी। बच्चे घरों की छतों से रंग भरा पानी फेंक रहे थे। लोग उनसे बचने का प्रयास भी कर रहे थे। शहर की सड़कें सतरंगी रंगों से रंगी थी। होली खेलने का यह सिलसिला सुबह लगभग सात बजे शुरू हुआ और दोपहर तीन बजे तक चलता रहा। इसके बाद शाम को लोगों ने नए परिधान पहने और घरों से निकले। बाजारों में चहल पहल बढ़ी। लोगों ने एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी।

भांग की बर्फ और ठंडाई का लिया मजा
शहर के बारहद्वारी पर होली पर पर्व हमेशा ही भांग से बनी बर्फ और ठंडाई की बिक्री होती है। तमाम दुकानदार दुकानें सजाते हैं तो होली में मस्ती में चूर युवा और बड़े इन दुकानों पर पहुंचकर भांग बर्फ और ठंडाई का लुत्फ लेते हैं। भांग के नशे में चूर युवा होली की मस्ती में और चूर हो जाते हैं।

मंदिरों में भी खेली गई होली
धुलडी के दिन सोमवार को सुबह शहर के प्रमुख माता चामुंडा रानी मंदिर, भूतेश्वर मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, शिवालय मंदिर, बांके बिहारी मंदिर, गोवर्धन महाराज मंदिर, शिवालय मंदिर सहित शहर के सभी प्रमुख मंदिरों पर श्रद्धालुओं ने भगवान के संग होली खेली। मंदिर में सतरंगी वातावरण हुआ। सोरों के वराह भगवान मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी होली मनाई गई।

जगह जगह लगे डीजे, थिरके युवा
शहर में जगह जगह, गली मुहल्लों में लोगों द्वारा डीजे लगाए गए। इन डीजे पर युवाओं की टोलियां होली के गीतों पर थिरकती नजर आई।घरों की छतों पर भी डीजे लगाए गए। महिलाएं व युवतियां होली के मस्ती में चूर होकर झूमी। शहर के सूत मंडी में जिले भर की सबसे बेहतर होली मनाई गई। यहां रविवार की रात को रसिया का प्रोग्राम हुआ तो सोमवार को लोगों ने जमकर होली खेली। पूरे क्षेत्र को गुब्बारे की लड़ियों से सजाया गया था।

कस्बों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी मनाया गया होली पर्व
सोमवार को कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों में भी होली पर्व का परंपरागत तरीके से मनाया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में होली की चौपाई निकाली गई। ढोलकर, चंग और मजीरों की धुन पर होली चौपाई गाते गांव के बुजुर्ग,  पुरुष महिलाएं, बूढ़े बच्चे सभी होली की मस्ती में चूर थे। 

ग्रामीण क्षेत्रों में तो सुबह से ही होलिका दहन के बाद रंग गुलाल से होली खेलने का सिलसिला शुरू हो गया जो देर रात तक चलता रहा। कस्बा सोरों, सहावर, अमांपुर, सिढ़पुरा, गंजडुंडवारा, पटियाली, मोहनपुर, नगरिया, भरगैन, ढोलना, नदरई सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में होली पर्व मनाया गया। लोगों ने एक दूसरे को गले लगाया। रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं दी।

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