पीलीभीत: होली पर रहेगा भद्रा का साया, होलिका दहन को मिलेगा 1.13 घंटे का समय...जानिए कब और कैसे करें पूजन

पीलीभीत: होली पर रहेगा भद्रा का साया, होलिका दहन को मिलेगा 1.13 घंटे का समय...जानिए कब और कैसे करें पूजन

पीलीभीत, अमृत विचार: इस बार 24 मार्च को होलिका दहन है और 25 मार्च को धुलेंडी है। होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि पर किया जाएगा। इस बार भी होलिका पर भद्रा का साया है। जिस  वजह से होलिका दहन के लिए सिर्फ एक घंटे 13 मिनट का समय ही मिलेगा जो होलिका दहन लिए होगा। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस समय में ही होलिका दहन करना सही माना जाएगा।

इस बार भी होलिका दहन के अवसर पर भद्रा का साया है।  इस कारण होलिका दहन भद्रा की समाप्ति के बाद किया जाएगा। पंचांग शुद्धि में भद्रा का खास महत्व है। पंडित बोल बम दुबे के मुताबिक  पंचांगों के अनुसार 24 मार्च को पूर्णिमा तिथि का आरंभ सुबह 8:13 बजे से होगा और 25 मार्च दोपहर 11:45  बजे तक रहेगी। 24 मार्च को पूर्णिमा तिथि के आरंभ के साथ ही भद्रा लग रही है।

रात में 11:13 बजे तक भद्रा रहेगी। ऐसे में भद्राकाल समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन करना सही रहेगा। अत: होलिका दहन 24 मार्च रविवार को भद्रा समाप्ति के  बाद रात्रि 11:14 से 12:27 के मध्य होलिका दहन शुभ रहेगा। वहीं होलिका का पूजन प्रदोष काल व रात्रिकाल में सही रहेगा। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और कहा जाता है कि इससे समृद्धि और खुशियाँ आती हैं और सभी नकारात्मकता और बीमारियां नष्ट हो जाती हैं।

इस तरह करें होली पूजन
पंडित बोल बम दुबे ने बताया कि  प्रदोष काल में ही होली दहन करना सही होता है। पूजा के समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए। साथ ही माला, रोली, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, पांच प्रकार के अनाज की बलयिां और साथ में एक लोटा जल पूजा में जरूर रखना चाहिए। जल लेकर होलिका के चारों ओर परिक्रमा करनी चाहिए। उसके बाद होली दहन करना चाहिए।

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