संतकबीरनगर: चुनाव आचार संहिता लागू होते ही खेत और रेत से निकलने लगी अवैध शराब

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Published By Jagat Mishra
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लगभग तीन कुंतल शराब बरामद और सैकड़ों कुंतल लहन नष्ट कर चुकी आबकारी और पुलिस 

धनघटा/ संतकबीरनगर, अमृत विचार। लोकसभा सामान्य निर्वाचन के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव आचार संहिता लागू कर दी है। बीते 16 मार्च को चुनाव आचार संहिता लागू होने के साथ ही आबकारी और पुलिस विभाग धनघटा थानाक्षेत्र के विभिन्न गांवों में छापेमारी कर अवैध शराब बरामद करने में जुट गई है। आलम यह है कि सरसों और गेहूं के खेत और सरयू नदी के रेत से भारी पैमाने पर रोज अवैध शराब बरामद हो रही है। लेकिन पांच दिनों के ताबड़तोड़ अभियान के बावजूद टीम को एक भी शराब कारोबारी नहीं मिल सका है। 

जानकारों की मानें तो अवैध शराब के कारोबारी धनघटा पुलिस और आबकारी विभाग के लिए कामधेनु बन चुके हैं। हर महीने अवैध शराब के कारोबारियों से इन्हें मोटी रकम एक्जाई के रूप में मिलती है। यही वजह है कि इस कारोबार के खिलाफ कभी भी कार्रवाई शुरू होती है तो उसकी पूर्व सूचना कारोबारियों तक पहुंच जाती है। सूत्रों पर भरोसा करें तो इनके बीच ऐसी सांठगांठ स्थापित हो चुकी है कि दोनों एक दूसरे की मर्यादा का भी भरपूर ख्याल रखते हैं। कारोबारियों ने लोकसभा चुनाव और होली के त्योहार को देखते हुए हजारों लीटर अवैध शराब का उत्पादन किया है। तैयार शराब को कारोबारी पहले ही सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचा चुके हैं। आबकारी और पुलिस विभाग की इज्जत बची रहे इसके लिए कारोबारियों ने कुछ शराब खेतों और नदी के रेत में छिपाकर रख दिए थे। उसी शराब और लहन को बरामद कर पुलिस और आबकारी टीम अपनी पीठ थपथपाने में जुटी है। 

इस बारे में बात करने पर पुलिस क्षेत्राधिकारी केशव नाथ ने कहा कि अवैध शराब के उत्पादन और बिक्री के खिलाफ लगातार छापेमारी कराई जा रही है। कारोबारियों को भी चिन्हित किया जा रहा है। क्षेत्र में अवैध शराब के उत्पादन और बिक्री पर पूरी तरह से लगाम लगाना प्रशासन की प्राथमिकता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर किसी पुलिस कर्मी की अवैध शराब के कारोबारियों के साथ संलिप्तता की बात सामने आती है तो सम्बन्धित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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