Kanpur: ऑनलाइन कारोबार पर लगे अंकुश, इन चीजों पर पांच फीसदी हो जीएसटी; कारोबारियों ने सरकार से की ये मांग...

Kanpur: ऑनलाइन कारोबार पर लगे अंकुश, इन चीजों पर पांच फीसदी हो जीएसटी; कारोबारियों ने सरकार से की ये मांग...

कानपुर, अमृत विचार। कारोबारियों ने विभागों के नियमों और बाजारों में उस नियम को थोपने का मुद्दा मुखरता से उठाया है। उन्होंने कहा कि शहर के विकास के लिए विभिन्न विभागों की योजना कमेटी को कारोबारियों से भी सुझाव लेना चाहिए। यदि ऐसा संभव न हो तो जहां के लिए विकास संबंधी नियम बने, कम से कम उस जगह के लोगों से सुझाव लिये जाएं। कारोबारियों ने हाल ही में मार्बल मार्केट की सड़क पर डिवाइडर बनाए जाने का खुल कर विरोध किया है। कारोबारियों ने सांसद का एक कार्यालय दक्षिण इलाके में भी खोलने की मांग की है। 

अमृत विचार समाचार पत्र के मार्बल मार्केट में हुए संवाद में भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश वरिष्ठ महामंत्री ज्ञानेश मिश्रा, कानपुर मार्बल व्यापारी सेवा समिति के अध्यक्ष पवन गौड़, राजीव कुमार, आशुतोष दीक्षित, अशोक शुक्ला व अशोक केसरवानी ने कहा कि विभागों की ओर से अचानक नियमों को लागू कर दिया जाता है। समस्या कम होने के बजाए बढ़ जाती है। नियमों पर कारोबारियों की राय भी लेनी चाहिए। 

हाल ही में मार्बल मार्केट की मुख्य सड़क को आदर्श रोड बनाए जाने का आदेश सुनाया गया है। इसमें डिवाडर भी पास कर दिया गया है। बाजार की मुख्य रोड पर डिवाइडर बन जाने से इसका सीधा असर कारोबार पर पड़ेगा। बाजार दो हिस्सों में बंट जाएगा। कारोबारियों ने इसका खुलकर विरोध किया है। 

ऑनलाइन कारोबार पर हो अंकुश

कारोबारियों ने सरकार से मांग की है कि ऑनलाइन कारोबार पर जल्द रोक लगाए। यदि जल्द ऐसा नहीं होता है तो ऑनलाइन कारोबार धीरे-धीरे कर पूरा रिटेल बाजार खत्म कर देगा। यदि सरकार ऑनलाइन के लिए नियमावली बनाती है तो उससे ऑनलाइन कारोबारी और रिटेल कारोबारी दोनो को ही लाभ होगा। 

दक्षिण में भी बैठें सांसद

कारोबारी विनायक पोद्दार ने कहा कि शहर के दक्षिण इलाके में सांसद का कार्यालय नहीं है। कारोबारियों और यहां रहने वाले आम लोगों को अपनी शिकायत बताने के लिए दूर जाना पड़ता है। सांसद को शहर के दक्षिण इलाके में भी अपना कार्यालय खोलना चाहिए।

पांच फीसदी हो जीएसटी

कारोबारियों ने रोटी, कपड़ा और मकान पर जीएसटी की दर को कम किए जाने की मांग भी उठाई। उन्होंने कहा कि उनके उत्पाद मकान के तहत आते हैं। यह हर आम लोगों का सपना होता है। ऐसे में यह जरूरी है कि मार्बल कारोबार के 18 फीसदी तक लगने वाले टैक्स को घटाकर पांच फीसदी के दायरे में लाया जाए। स्लैब कम करने से यह उत्पाद भी आम लोगों की पहुंच पर आ जाएगा।

जाम का हो समाधान

कारोबारियों ने बताया कि मार्बल मार्केट के आस-पास यातायात के लिए लागू की गई व्यवस्था से जाम लगता है। इसका असर बजार पर भी पड़ रहा है। आनंदपुरी के पास नया जाम प्वाइंट बन गया है। इससे कारोबार पर असर पड़ने लगा रहा है। 

गाड़ियों को न रोका जाए

कारोबारी विनोद शुक्ला, विशाल ओमर मोनू, पियूष दधीचि और टीटू शर्मा ने कहा कि बाजार की गाड़ियों को पेपर सही होने के बाद भी रोका जाता है। कई बार वाहन को दौड़ाकर भी पकड़ा जाता है। उनका उत्पाद अन्य राज्यों से आता है। ट्रकों को रोककर अनावश्यक चेकिंग की जाती है। कारोबारियों ने मांग की है कि यह चेकिंग शहर से बाहर ही होनी चाहिए। इसके अलावा ऐसे वाहन सिर्फ यहां से होकर गुजरते हैं, उनको रोकना भी गलत है। ऐसे वाहनों को रोकने से शहर की बदनामी होती है। शहर के भीतर लोडरों को भी चेकिंग के नाम पर रोककर उत्पीड़न किया जाता है। 

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