ऋषभ पंत की मानसिक दृढ़ता-इच्छाशक्ति जबर्दस्त, फिट होने में मदद करने वाले मेडिकल स्टाफ ने कहा  

ऋषभ पंत की मानसिक दृढ़ता-इच्छाशक्ति जबर्दस्त, फिट होने में मदद करने वाले मेडिकल स्टाफ ने कहा  

बेंगलुरू। ऋषभ पंत को 2022 में हुई भयावह कार दुर्घटना के बाद पूरी तरह फिट होने में मदद करने वाले मेडिकल स्टाफ ने उनकी इच्छाशक्ति और मानसिक दृढ़ता का तारीफ करते हुए कहा है कि थकाऊ रिकवरी प्रक्रिया के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। पंत 23 मार्च को आईपीएल के जरिये क्रिकट के मैदान पर वापसी करेंगे जिसमें वह मोहाली में पंजाब किंग्स के खिलाफ दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी करेंगे। 

पंत ने बीसीसीआई टीवी से कहा, मैं सामान्य होने के करीब महसूस कर रहा हूं। पंद्रह बरस पहले हुई कार दुर्घटना को देखकर यह असंभव लग रहा था कि वह वापसी कर सकेंगे। मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के खेल मेडिसिन सेंटर के निदेशक डॉक्टर दिनशॉ पर्डीवाला और बेंगलुरू के राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के स्टाफ ने उनकी मदद की। पर्डीवाला ने कहा, एक सर्जन होने के नाते हमारा काम मरीज, उसके परिवार और सभी संबंधित पक्षों को चोट के बारे में वास्तविक जानकारी देना है। ऋषभ की मां उसके साथ थी और बहुत चिंतित थी कि वह दोबारा चल सकेगा कि नहीं। 

उन्होंने कहा, मैंने उनसे कहा कि चोट बहुत गंभीर है लेकिन हम कोशिश करेंगे कि वह फिर खेल सके । लेकिन यह बहुत लंबी प्रक्रिया होगी। पर्डीवाला ने कहा कि वह रिकवरी प्रक्रिया के दौरान पंत का आत्मविश्वास देखकर हैरान रह गए। उन्होंने कहा, मैंने उससे कहा कि 18 महीने लगेंगे तो उसने कहा कि वह 12 महीने में कर दिखायेगा। और ऐसा ही हुआ भी। पंत ने कहा, मैंने जब बैसाखियों के बिना चलना शुरू किया तो वह निर्णायक मोड़ था । उसके बाद जॉगिंग शुरू की और फिर बल्लेबाजी । इसके बाद विकेटकीपिंग और सबका मजा लिया।

पर्डीवाला ने कहा कि घुटने की पेचीदा चोट, हादसे को लेकर दहशत और क्रिकेट से दूर रहने की पंत की अपनी हताशा, इन सबसे प्रभावी तरीके से निपटना था । उन्होंने कहा, किसी भी सर्जन के लिये घुटने की हड्डी खिसकने की चोट सबसे खराब होती है क्योंकि सब कुछ टूट जाता है । मरीज दहशत में रहता है और मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है । एक दिन आप सामान्य रहते हैं, सुपरस्टार हैं और दुनिया आपकी वाहवाह कर रही है लेकिन एक सप्ताह बाद आप सामान्य इंसान की तरह कुछ नहीं कर पा रहे । ऋषभ के लिये यह कठिन दौर था और हमें उसका साथ देना था।

एनसीए के फिजियो धनंजय कौशिक ने कहा कि पंत का सकारात्मक रवैया देखकर वह दंग रह गए। उन्होंने कहा, हादसे में उसका कोई लिगामेंट साबूत नहीं बचा था। मुझे लगता है कि अगर कोई इस हादसे के बाद वापसी कर सकता था तो ऋषभ पंत ही था क्योंकि उसका रवैया इतना सकारात्मक था। एनसीए पर स्ट्रेंथ और कंडिशनिंग कोच निशांता बारडोलोइ ने कहा कि पूरे घटनाक्रम में पंत एक बेहतर इंसान बनकर निकला है। उन्होंने कहा,  वह एक बेहतर इंसान बना है। अब वह जिंदगी की कद्र ज्यादा करता है । पहले से अधिक दृढ हुआ है । वह पहले भी अच्छा इंसान था लेकिन अब और बेहतर हो गया है।

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