अल्मोड़ा: डामरीकरण न होने से आक्रोश, चुनाव बहिष्कार का ऐलान

अल्मोड़ा: डामरीकरण न होने से आक्रोश, चुनाव बहिष्कार का ऐलान

अल्मोड़ा, अमृत विचार। सड़क का डामरीकरण न होने से आक्रोशित सल्ट विकास खंड के 11 ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने आगामी लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है। वह पिछले 13 सालों से डामरीकरण की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ चुनाव बहिष्कार की मुहिम छेड़ दी है। इसके लिए गांव-गांव जाकर समर्थन जुटाया जा रहा है।

करीब 13 साल पहले 11 ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए 28 किलोमीटर लंबे झीपा-टनौला मोटर मार्ग का निर्माण डभरा तक किया गया था। उस दौरान कार्यदायी संस्था ने सड़क कटान का काम तो किया लेकिन उसमें सुरक्षा दीवार, पानी की निकासी समेत कई काम अधूरे छोड़ दिए। अतिवृष्टि से सड़क जगह-जगह गड्ढों से पट गई और कई जगह भूस्खलन के कारण सड़कों पर मलबा आ गया। मार्ग की हालत इतनी दयनीय है कि इस पर वाहन चलाना जान जोखिम में डालने से कम नहीं है। 

सामाजिक कार्यकर्ता परम कांडपाल ने बताया कि मार्ग के सुधारीकरण और डामरीकरण के लिए ग्रामीणों ने डीएम समेत लोनिवि के अधिकारियों, स्थानीय विधायक, सांसद और मंत्रियों तक से गुहार लगाई गई। भारी दबाव के बाद लोनिवि अल्मोड़ा के मुख्य अभियंता ने जनवरी 2022 में प्रमुख सचिव को डामरीकरण के लिए 11.30 लाख रुपये का प्रस्ताव भेजा। जिसे आज तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है।

इससे ग्रामीणों में सरकार और प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है। इसलिए लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया गया है। कांडपाल ने बताया कि गांव-गांव जाकर ग्रामीणों के हस्ताक्षर लेकर सहमति ली जा रही है। जल्द ही ग्रामीणों का हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन तहसील के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा। इधर, ग्राम प्रधान मंजू देवी ने बताया कि सड़क न होने के कारण बीते दिनों एक घायल महिला को एंबुलेंस के गांव तक न आने के कारण अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।