Kanpur News: ट्रांसगंगा के पूर्व आवंटियों को कटौती राशि ब्याज सहित मिलेगी...पैसा वापस करेगा UPSIDA
कानपुर में ट्रांसगंगा के पूर्व आवंटियों को कटौती राशि ब्याज सहित मिलेगी
कानपुर, अमृत विचार। गंगा बैराज पर बसाई जा रही ट्रांसगंगा सिटी द्वारा वापस किए गए भूखंड के बदले में जमा राशि में से 30 प्रतिशत की कटौती यूपीसीडा प्रबंधन को भारी पड़ी। यूपी रेरा ने पूर्व आवंटी राज कुमार यादव की शिकायत पर प्राधिकरण को आदेश दिया है कि वह काटी गई राशि 3,32,517 पर एमसीएलआर प्लस एक प्रतिशत ब्याज दे और काटी गई राशि भी वापस करे। इस फैसले के बाद अब वे आवंटी भी यूपी रेरा में वाद दायर कर सकते हैं जिन्होंने भूखंड वापस किया था और जमा राशि पर कटौती की गई थी।
गंगा बैराज पर बसाई जा रही ट्रांसगंगा सिटी में हाउसिंग श्रेणी के भूखंडों को 15 अगस्त 2015 को लांच किया गया था। भूखंडों का आवंटन दो फेज में किया गया था। प्रथम फेज के आवंटियों को दिसंबर 2016 एवं द्वितीय फेज के आवंटियों को मार्च 2017 में परियोजना में समस्त सुविधाएं विकसित कर कब्जा दिया जाना था किन्तु प्राधिकरण प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया। कब्जा मिलने में देरी से आवंटी परेशान हो गए।
तमाम आवंटियों ने भूखंड सरेंडर करने के लिए आवेदन किया। बताते हैं कि जमा राशि में से 30 फीसद राशि काटकर प्राधिकरण ने लोगों को पैसे वापस किए। ऐसे लोगों में एक आवंटी थे राजकुमार यादव। उन्होंने 120 वर्गमीटर का भूखंड लिया था। इसके एवज में जमा 10,18,627 रुपये 29 अक्टूबर 2018 को वापस मांग ली थी। उक्त धनराशि वापसी के पत्र पर प्राधिकरण ने 16 फरवरी 2019 को 6,86,110 रुपये वापस कर दिया। मूलधन में से 3,32,517 रुपये काट लिए गए थे।
राज कुमार यादव ने ट्रांसगंगा सिटी रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक द्विवेदी के माध्यम से 21 जनवरी 2023 को यूपी-रेरा में वाद दायर किया था। कटौती की गई राशि के वापस मांगा था। मामले में सुनवाई करते हुए यूपी-रेरा के चेयरमैन संजय आर भूसरेड्डी चार मार्च 2024 को राज कुमार यादव में शिकायत को निस्तारित कर दिया और कहा कि शिकायतकर्ता राज कुमार यादव को प्राधिकरण काटे गये रुपये को एमएलआरसी प्लस वन प्रतिशत ब्याज सहित वापस करे।
600 आवंटियों ने वापस ली थी राशि
जब उक्त सिटी में अपेक्षित विकास कार्य नहीं हो पाया तो 600 आवंटियो ने 2018-2019 में भूखंड वापस कर दिहया था और जमा राशि वापस ले ली थी। ट्रांसगंगा सिटी में विकास कार्य पूरे न हो पाने के लिए आवंटी जिम्मेदार नहीं थे। उन्हें तो बैंकों को ब्याज देना पड़ रहा था इसलिए भूखंड समर्पित किए थे, लेकिन प्राधिकरण ने जमा राशि पर 30 फीसद की कटौती की। इससे उन्हें दोहरा झटका लगा। यही वजह है कि आवंटियों ने यूपी रेरा में वाद दायर किया। उनके पक्ष में फैसला निरंतर आ रहा है।- दीपक द्विवेदी, अध्यक्ष ट्रांसगंगा सिटी रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन
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