जनता के बीच न्याय प्रणाली में रहे विश्वास इसके लिए दक्षता और इंसाफ का संतुलन बनाना आवश्यकता: हाईकोर्ट

जनता के बीच न्याय प्रणाली में रहे विश्वास इसके लिए दक्षता और इंसाफ का संतुलन बनाना आवश्यकता: हाईकोर्ट

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लंबा आपराधिक इतिहास रखने वाले अपराधियों को जमानत देने से पहले उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि पर विचार करने का निर्देश देते हुए कहा कि दक्षता और न्याय के बीच संतुलन बनाना कानूनी कार्यवाही का एक चुनौतीपूर्ण पहलू है। आपराधिक न्याय प्रणाली को इस प्रकार बनाया जाय, जिससे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकने के साथ-साथ गलत काम करने वालों को उनके कार्यों का परिणाम भुगतना तय हो। 

कोर्ट ने आगे कहा कि यह एक दुखद सत्य है कि जघन्य अपराधी कानूनी कार्यवाही में खामियों का फायदा उठा कर बच जाते हैं। कानूनी खामियां आपराधिक न्याय प्रणाली में जनता के विश्वास को कमजोर करती हैं। पीड़ित ठगा हुआ सा महसूस करता है। 

उक्त टिप्पणी न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकलपीठ ने भरत सिंह की दूसरी जमानत याचिका को खारिज करते हुए की। आरोपी के खिलाफ झांसी के नवाबाद पुलिस स्टेशन में आईपीसी की गंभीर धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। 

मालूम हो कि आरोपी का लंबा आपराधिक इतिहास होने के कारण उसे दो मामलों में दोषी ठहराया गया है और पहली जमानत याचिका खारिज होने का कारण उसका आपराधिक इतिहास ही है।

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