रुद्रपुर: पढ़ाई में नहीं लगा मन तो चंदन बन गया साइबर क्रिमिनल, मोबाइल एप के जरिए लगाता था चूना

रुद्रपुर: पढ़ाई में नहीं लगा मन तो चंदन बन गया साइबर क्रिमिनल, मोबाइल एप के जरिए लगाता था चूना

मनोज आर्या, रुद्रपुर, अमृत विचार। जहां एक ओर युवा पीढ़ी शिक्षित बनकर अपने सपनों को साकार करने की कोशिश करते हैं। वहीं भागलपुर का रहने वाले शातिर साइबर ठग चंदन का जब पढ़ाई में मन नहीं लगा तो उसने साइबर क्राइम की दुनिया में कदम रखा और साइबर क्रिमिनल बनकर पढ़े लिखे लोगों को चूना लगाना शुरू कर दिया।

साइबर सेल थाना प्रभारी ललित मोहन जोशी ने बताया कि जयपुर राजस्थान से गिरफ्तारी होने के बाद जब साइबर ठग चंदन से पूछताछ की गई तो आरोपी ने बताया कि बचपन से उसका मन पढ़ाई में नहीं लगता था। बावजूद पिता का निधन होने के बाद उसने कक्षा 9 तक की पढ़ाई कर छोड़ दी और शॉट कट अपनाकर अधिक धनवान बनने की चाह मन में आई। उसने वहीं के एक साइबर कैफे में काम किया और इंटरनेट का सारा काम सीखने के बाद उसने साइबर अपराध के जरिए पैसा कमाने के लिए पहले उसने फर्जी खाते खोलने शुरू किए।

शादी होने और दो बच्चों की जिम्मेदारी आने के बाद उसने फेसबुक पर प्रलोभन वाला व्यापार व कई तरीकों से लोगों को ठगना शुरू किया। साइबर का धंधा इतना तेजी से हुआ कि उसके धनवान बनने की चाह असीमित हो गई। पूछताछ में यह भी पता चला कि आरोपी की पारिवारिक हालत इतनी भी दयनीय नहीं है कि आरोपी को पढ़े लिखे लोगों को ठगने जैसा साइबर अपराध करना पड़े।

11 राज्यों में कर चुका है ठगी का अपराध

रुद्रपुर। साइबर सेल प्रभारी ललित मोहन जोशी ने बताया कि जब पकड़े गए आरोपी चंदन का आपराधिक इतिहास खंगाला गया तो पता चला कि वह दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, यूपी, तेलंगाना, कर्नाटक, झारखंड, उत्तराखंड सहित कई प्रदेशों में साइबर ठगी की घटना को अंजाम दे चुका है। जिसका खुलासा आरोपी के मोबाइल पर हुए ऑनलाइन आदान प्रदान की सूची से हुआ। जिसमें आरोपी द्वारा बनाए गए फर्जी बैंक खातों से एक करोड़ से अधिक का पैसा दूसरे खातों में ट्रांसफर किया है। जिसकी जांच साइबर सेल की टीम कर रही है।

डीटीजा मैक्स एप्लिकेशन से करता था धोखाधड़ी

पकड़े गए साइबर ठग ने अपने लैपटॉप पर डीटीजा मैक्स नाम का मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड किया हुआ था। जब कोई शिकार उसके जाल में फंस जाता था और बताए गए खाते में रकम का भुगतान करता था तो एप्लिकेशन के माध्यम से मुनाफा पीड़ित के डैशबोर्ड पर दिखाई देने लगता था। इससे पीड़ित भ्रमित होकर तीन गुना मुनाफा पाने की चाह में लाखों रुपये का भुगतान कर डालता और जैसे ही मोटी रकम खाते में आती तो एप्लिकेशन के माध्यम से रकम को दूसरे खाते में डाल दिया जाता था।

फर्जी दस्तावेज लगाकर देता था गच्चा

30 लाख की ठगी के आरोप में गिरफ्तार चंदन इतना शातिर था कि शिकार करने के बाद वह अपना सिम कार्ड सहित खाते को खाली कर बंद कर देता था। एटीएम के जरिए पैसा निकाल लिया जाता था। जब साइबर सेल ने जयपुर में दबिश दी तो उसके पास से कई फर्जी सिम कार्ड और पासबुक मिली। जांच में सभी सिम व खाते दूसरे व्यक्तियों के नाम से खोले गए थे। इसी कारण सुरागरसी होने के बाद भी बदलते मोबाइल की लोकेशन दिखाकर आरोपी पुलिस को लगातार गच्चा दे रहा था और भागलपुर से भागकर जयपुर पहुंच गया।