पीलीभीत: घटनाओं के बाद लगे विरोध के नारे...अभी भी नहीं जागे शहर के रखवाले, सुनसान सड़कों से पुलिस नदारद

पीलीभीत: घटनाओं के बाद लगे विरोध के नारे...अभी भी नहीं जागे शहर के रखवाले, सुनसान सड़कों से पुलिस नदारद

पीलीभीत, अमृत विचार।  शहर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तमाम घटनाओं के बाद भी पुलिस की सख्ती नहीं दिख सकी है। चोरी, छिनैती की कई घटनाएं होने के बाद विरोध हुए और रात्रि के समय थाना चौकी स्तर पर पुलिस को गश्त बढ़ाने के निर्देश भी दिए जाते हैं। मगर अभी भी हालात में पूर्णतया सुधार नहीं हो सका है।  

बीते दो माह की बात करें तो बाजार में ही चोर सक्रिए हुए। 17 जनवरी की रात सराफा दुकान में काम करके घर लौट रही होली चौराहा निवासी महिला नीतू सिंह का पर्स बाइक सवार उचक्के लूट ले गए थे। 28 जनवरी की रात गल्ला मंडी में व्यापारी नीलेश अग्रवाल और सऊद की दुकानों में नकब लगाकर चोर नकदी -सामान समेट ले गए थे। पांच फरवरी को बल्लभ नगर के निवासी कपिल वर्मा की मुख्य बाजार में चावला चौराहा पर स्थित मोबाइल शॉप में छत के रास्ते नकब लगाकर 15 लाख कीमत के मोबाइल चोरी कर लिए थे।

इसके अलावा 19 फरवरी की रात मोहल्ला काला मंदिर में गल्ला व्यापारी विपिन कुमार के मकान से आठ लाख की चोरी की गई थी। कई अन्य घटनाएं भी हुई। हालांकि पुलिस ने कुछ घटनाओं के खुलासे भी कर दिए। मगर इन घटनाओं के बाद व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन किया था। ये मांग की गई थी कि रात के वक्त सुरक्षा व्यवस्था सख्त की जाए।

इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने भी दावे किए, लेकिन घटनाओं का खुलासा करने के बाद पुलिस फिर बेफ्रिक हो गई। इसकी बानगी गुरुवार रात को दिखाई दी। मुख्य मार्गों पर स्थित चौराहों से पुलिस नदारद थी। बनाए गए पिंक बूथ भी बंद पड़े हुए थे। रात 10.30 से 11 बजे के बीच ही कहीं कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं दिखे।

गौहनिया चौराहा
टनकपुर हाईवे पर स्थित गौहनिया चौराहा व्यस्ततम इलाका है। यहां पर कई बड़े प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप व अस्पताल हैं। रात के वक्त कोई पुलिसकर्मी नहीं दिखा। सड़क पर वाहनों की आवाजाही हो रही थी। कुछ राहगीर पैदल भी काम निपटाकर घर के लिए जा रहे थे। आसपास की गलियों में रोशनी के भी इंतजाम नाकाफी थे। ऐसे में सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार बेपरवाह दिखे।

सुनगढ़ी तिराहा
रेलवे स्टेशन रोडपर सुनगढ़ी तिराहा के पास अधिकांश दुकानें बंद हो चुकी थी। चंद प्रतिष्ठान खुले थे और वह भी बंद किए जा रहे थे। थाना सुनगढ़ी गेट पर पुलिस की गाड़ी लाल-नीली बत्ती जलाए खड़ी हुई थी। दूर से ऐसा लगा कि शायद मुस्तैदी है। मगर न तो गाड़ी के भीतर कोई पुलिसकर्मी दिखा, न आसपास। सिर्फ लाइटें जलाकर ही सख्त बंदोबस्त कर दिए गए थे।

छतरी चौराहा
टनकपुर हाईवे पर स्थित छतरी चौराहा शहर का व्यवस्ततम इलाका है। यहां पर पुलिस सहायता केंद्र पहले से स्थापित है। जिसे पिंक बूथ का रुप भी दिया जा चुका है। उत्तराखंड की तरफ जाने वाले यात्री भी यहीं से बसें पकड़ते हैं। जिसे लेकर देर रात तक यात्रियों की भीड़ रहती है। कई बार मारपीट की घटनाएं भी हो चुकी है। अभी दस दिन पहले ही यहां पर दो पक्षों में मारपीट के वीडियो वायरल हुए थे। यहां पर भी पिंक बूथ बंद मिला और पुलिस नहीं दिखी।

नौगवा चौराहा 
शहर के नौगवां चौराहा का हाल भी कुछ खास ठीक नहीं दिखा। यहां से रात के वक्त दिल्ली जाने वाले यात्री बसों पर सवार होते हैं।  नजदीक में ही स्थित शराब की दुकान के बाहर कुछ माह पहले ही दो गुटों में मारपीट हो गई थी। जिसमें एक पक्ष से सभासद पर भी एफआईआर की गई थी।  मगर यहां पर बना पिंक बूथ भी बंद था।

चावला चौराहा
शहर का चावला चौराहा मुख्य बाजार के बीच स्थित है। पांच फरवरी को यहीं पर एक मोबाइल शॉप में नकब लगाकर पंद्रह लाख की चोरी हुई थी। जिसके बाद व्यापारी नेताओं ने धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की थी। पर्स छिनैती की घटना के बाद भी निगरानी बढ़ाने की मांग की गई थी। मगर गुरुवार रात को यहां पर भी सन्नाटे के बीच पुलिस नदारद दिखी।

चौराहों पर पुलिस तैनात रहती है। इसे लेकर लगातार औंचक चेकिंग भी कराते हैं। गुरुवार देर रात तक चुनाव संबंधी बैठक चली थी। जिसके चलते हो सकता है कि टीमें देरी से प्वाइंट पर पहुंची। किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जा रही है।  - विक्रम दहिया, एएसपी

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