केवल संस्कृत भाषा में टीईटी उत्तीर्ण कर लेने मात्र से नहीं मिल सकती सहायक शिक्षक की नौकरी: इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2016 में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षकों के 10000 रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया में शैक्षिक अर्हता के संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुरादाबाद की विशेष अपील पर विचार करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी की प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्ति नहीं हो सकती है।
संस्कृत भाषा में उत्तीर्ण की गई टीईटी परीक्षा प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के लिए निर्धारित शिक्षक पात्रता की परीक्षा की आवश्यकताओं को पूरा करने में सफल नहीं हो सकती।
उक्त आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुरादाबाद की विशेष अपील को स्वीकार करते हुए पारित किया। दरअसल, विशेष अपील में संबंधित अधिकारी द्वारा उक्त पद पर नियुक्ति के लिए याची की उम्मीदवारी को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि याची ने संस्कृत भाषा में टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उसके पास प्राथमिक स्तर की कक्षाओं को पढ़ाने हेतु टीईटी प्रमाण पत्र नहीं था। अतः वह इस पद के लिए निर्धारित पात्रता पूरी नहीं करता।
उक्त आदेश को हाईकोर्ट के समक्ष याचियों द्वारा चुनौती दी गई थी, जिस पर एकलपीठ ने अक्टूबर 2013 के शासनादेश पर भरोसा करते हुए माना था कि उपरोक्त शासनादेश ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाता कि संस्कृत भाषा में टीईटी उत्तीर्ण उम्मीदवार प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद के लिए अर्ह नहीं है।
इसी आधार पर एकलपीठ ने याची को नियुक्ति पत्र जारी करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश जारी किया था, जिसे परिषद द्वारा वर्तमान अपील में चुनौती देते हुए तर्क दिया गया कि जूनियर बेसिक स्कूलों में प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए प्राथमिक स्तर पर संस्कृत भाषा में टीईटी प्रमाण पत्र को अहर्ता में शामिल नहीं किया जाता है।
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