फिरोजाबाद: लोन के नाम पर लोगों से करते थे ठगी, गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार

फिरोजाबाद: लोन के नाम पर लोगों से करते थे ठगी, गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार

फिरोजाबाद, अमृत विचार। भोले-भाले लोगों को लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले लोगों की पर शिकायतें मिल रही थीं। मामले को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने गंभीरता से लिया और लोन के नाम पर ठगी करने वालों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। एसपी सिटी सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि थाना साइबर अपराध पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर थाना उत्तर क्षेत्रांतर्गत स्थित इस्लामियां कॉलेज के ग्राउण्ड से तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। 

पूछताछ में पकड़े गये युवकों ने अपने नाम युवराज उर्फ गौरव, मनीष यादव और रोहित यादव बताया। पुलिस ने उनके कब्जे से तीन मोबाइल फोन, 31,500 रुपये नगद, लोन के फर्जी फॉर्म, पैम्प्लेट और आठ फर्जी आधार कार्ड, सात फर्जी बैंक पहचान पत्र व अन्य सामान बरामद किए हैं। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही की जा रही है। प्रभारी निरीक्षक साइबर सेल आलोक कुमार मिश्रा ने बताया कि पकड़े गए तीनों आरोपियों को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया है।

एसपी सिटी ने बताया कि राजू कुशवाह ने एक तहरीर दी थी। जिसमें 29 जनवरी को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैन मंदिर के पास से दो युवकों द्वारा लोन दिलाने के नाम पर थोखाधड़ी करते हुए उसके मोबाइल से 50 हजार रुपये का फ्रॉड कर लिया है। तहरीर के आधार पर थाना उत्तर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। 

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि हम लोग बिजनेस लोन दिलाने के नाम पर विभिन्न जनपदों आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, बुलन्दशहर, एटा, मथुरा आदि जनपदों में फर्जी पैम्प्लेट चस्पा कर, बांट कर प्रचार प्रसार करते हैं। जिस पर हमारे फर्जी मोबाइल नंबर लिखे रहते हैं ।

जब कोई व्यक्ति हमारे पास लोन के सम्बंध में जानकारी हेतु फोन करता है, तो हम व्हाट्सअप के जरिये उसके आधार कार्ड, पैन कार्ड की फोटो मंगा कर फर्जी लोन डिटेल भेज कर बाद में उसे किसी बैंक के आसपास बुला लेते हैं और अपने पास रखे फर्जी लोन के फॉर्म भरवाते हैं।

साथ ही आने वाले व्यक्ति को ये बता दिया जाता है कि जितने रुपये का लोन वह लेना चाहता है, उसका 20 प्रतिशत उसके खाते में होना जरूरी है। इस दौरान केवाईसी वैरिफिकेशन करने के नाम पर उसका मोबाइल ले लेते हैं और उसे बातों में लगा कर उसके खाते से रुपये ट्रांसफर कर लेते हैं। कभी अगर कोई व्यक्ति एटीएम लाता है तो उसे पुराना बता कर उसका पिन कोड वैरिफिकेशन के नाम पर पता कर के अपने साथियों की मदद से किसी अन्य एटीएम से पैसे निकाल लेते हैं। 

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