Banda: श्रद्धा निगम की आत्मकथा ‘जिंदगी की खिड़कियां’ ने विश्व पुस्तक मेला में मचाया धमाल... दिल्ली के प्रगति मैदान में हुआ लोकार्पण
बांदा के केदार न्यास समिति के तत्वावधान में दिल्ली के प्रगति मैदान में हुआ लोकार्पण
बांदा, अमृत विचार। कभी पिछड़ेपन का दंश झेल रहे बुंदेलखंड क्षेत्र में प्रतिभाओं की कभी कमी नहीं रही, हालांकि बुंदेली प्रतिभाओं को अपना हुनर दिखाने के लिए मंच कम ही प्राप्त हुए हैं। लेकिन जब भी मौका मिला यहां के लोगों ने अपनी प्रतिभा का दम समूचे देश को दिखाने का काम किया है।
ऐसी एक प्रतिभा शहर की रहने वाली साहित्यकार श्रद्धा निगम भी हैं, जिन्होंने जिंदगी की खिड़कियां शीर्षक पुस्तक के जरिए लेखन क्षमता का प्रदर्शन किया है और उनकी पहली ही पुस्तक ने दिल्ली में आयोजित विश्व पुस्तक मेला में स्थान पाकर दुनिया में नाम कमाने का काम किया है।
दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित विश्व पुस्तक मेला के दौरान दुनिया भर के लेखकों और साहित्यकारों के बीच बांदा के स्वराज कालोनी में नृत्य कला केंद्र की संचालिका श्रद्धा निगम ने अपनी लेखन क्षमता का हुनर दिखाया है। शुक्रवार को लिटिल बर्ड पब्लिकेशन नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित उनकी आत्मकथात्मक शैली की पहली पुस्तक जीवन की खिड़कियां का भव्य लोकार्पण किया गया।
लोकार्पण कार्यक्रम में केदार न्यास समिति के अध्यक्ष नरेंद्र पुंडरीक, आकांक्षा बरनवाल, उमा पटेल, अनिल बक्शी, वाजिदा खान, कुसुमलता सिंह आदि की उपस्थिति प्रमुख रही। पुस्तक की भूमिका डा.शशिभूषण मिश्र और आवरण नरेंद्र पुंडरीक ने लिखा है।
लेखिका श्रद्धा निगम बताती हैं कि पुस्तक महिलाओं के जीवन संघर्ष से प्रेिरत है। बताती हैं कि पुस्तक में आत्मकथा के माध्यम से उन्होंने पति के असमय निधन के बाद नारी शक्ति को संभलने और अपनी एक नई पहचान स्थापित करने की प्रेरणा देने का प्रयास किया है।
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