Unnao: घटतौली रोकेगी डिजिटल वेइंग मशीन; राशन की चोरी पर लगेगी लगाम; लाभार्थियों को पूरे वजन के साथ मिलेगा अनाज...
उन्नाव, अमृत विचार। वितरण किये जा रहे राशन की चोरी रोकने के लिये योगी सरकार अब नयी व्यवस्था शुरू करने जा रही है। जिसकी तैयारियां पूरी हो गयी है। जल्द ही यह धरातल पर पहुंच जायेगी। जिसके बाद पात्रों को इसका सीधा लाभ मिल सकेगा। लाभार्थियों के द्वारा आये दिन कोटे से राशन कम मिलने की शिकायते सरकार को मिल रही थी। जिसके चलते सरकार ने अब पीडीएस दुकानों में डिजिटल वेइंग मशीन लगाने का काम शुरू कर दिया है।
जिससे ग्राहकों को सही वजन में अनाज मिलेगा। सभी डिजिटल वेइंग मशीन ई-पाश मशीन से जुड़ी होंगी। बता दें उत्तर प्रदेश सरकार अनाज की चोरी रोकने के लिये अब डिजिटल वेइंग मशीन (माप-तौल मशीन) लगाने जा रही है। वेइंग मशीन लगने के बाद अब राशन दुकानों में तराजू या कांटा से अनाज वजन नहीं किया जायेगा।
जिले की सभी पीडीएस दुकानों में इस मशीन को लगाया जायेगा। इसके लगने के बाद राशन कार्डधारियों को उनके अनाज का सही तौल मिल सकेगा और चोरी पर रोक लगेगी। खाद्य-आपूर्ति विभाग ने इस संबंध में काम करते हुए डिजिटल वेइंग मशीने लगाना शुरू कर दिया है।
विभाग के जिला पूर्ति अधिकारी राज बहादुर सिंह ने बताया कि जिले मे आयी करीब 1273 डिजिटल वेइंग मशीन,सभी कोटेदारों को ट्रेनिंग कराने के साथ ही वितरित कर दी गयी है। जल्द ही इन्हीं मशीनों से राशन मिलना शुरू हो जाएगा।
ई -पाश सिस्टम से जुड़ने के बाद डाटा सीधे विभाग के डाटा सेंटर में होगा दर्ज
जिला पूर्ति अधिकारी राज बहादुर सिंह ने बताया कि ई-पाश सिस्टम से जुड़ने के बाद डाटा सीधे विभाग के डाटा सेंटर में दर्ज हो जायेगा। मशीन में जितना वजन लाभार्थियों को दिया जायेगा उतना ही डाटा पाश मशीन के द्वारा ऑनलाइन डाटा सेटर में दर्ज होगा। जो बाद में आहार पोर्टल में भी ऑनलाइन दिख सकेगा।
इस व्यवस्था को लागू करने के पीछे लाभार्थियों को उनका पूरा हक दिलाने का प्रयास है ताकि लाभार्थियों को अनाज पूरे वजन के साथ मिल सके। इसके साथ ही वेईंग मशीन को डीलरों को देने से पहले इसे पूरी तरह से सील किया गया है। ताकि किसी भी रूप से मशीन के साथ छेड़छाड़ न की जा सके।
मालूम हो कि इन डिजिटल मशीन को मैन्युअल एडजस्ट किया जा सकता है जिससे मशीन में शून्य दिखने के बाद भी वजन कई ग्राम तक कम किया जा सकता है। लेकिन विभाग का दावा है कि इस मशीन को इस तरह से सील किया जायेगा ताकि इसमें कोई छेड़छाड़ न की जा सके। इसके बाद भी अगर कुछ मशीन के साथ किया जाता है तो पाश मशीन के द्वारा कम अनाज देने की जानकारी डाटा सेंटर को मिल जायेगी।