UP News: चित्रकूट को मिल सकती है जियो पार्क की मान्यता; विशेषज्ञ समिति ने किया सर्वेक्षण, सरकार को देगी रिपोर्ट...
चित्रकूट, अमृत विचार। यूनेस्को के वैश्विक जियो पार्क के रूप में चित्रकूट को शामिल करने के लिए विशेषज्ञ समिति ने सर्वेक्षण किया। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के पूर्व उप महानिदेशक एवं सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम के सलाहकार डॉ. सतीश त्रिपाठी ने कहा कि चित्रकूट में जियो पार्क के रूप में विकसित होने की संभावनाएं हैं।
बीते दिन आईआईटी कानपुर सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम के विशेषज्ञ भूवैज्ञानिकों ने सांस्कृतिक विरासत स्थलों का दौरा किया। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के पूर्व उप महानिदेशक एवं सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम के सलाहकार डॉ. सतीश त्रिपाठी ने कहा कि चित्रकूट प्रसिद्ध आध्यात्मिक पर्यटन स्थल है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि यह अंतर्राष्ट्रीय महत्व की भूवैज्ञानिक विरासत से भरा हुआ है।
जानकी कुंड के पास मंदाकिनी नदी तल में पाए गए जीवाश्म पृथ्वी के पहले जीवन रूप हैं। 1600 मिलियन वर्ष पुराने इन नीले-हरे शैवाल जीवाश्मों ने कार्बन डाइऑक्साइड का उपभोग करके पृथ्वी का पर्यावरण बदल दिया और ऑक्सीजन का उत्सर्जन कर इसे रहने योग्य बना दिया। वैज्ञानिकों डीएसएन कॉलेज उन्नाव के डॉ. अनिल साहू ने भी कहा कि चित्रकूट में भू-पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।
टीम ने विभिन्न पर्यटन स्थलों का सर्वेक्षण किया और निष्कर्ष निकाला कि चित्रकूट क्षेत्र में ग्लोबल जियोपार्क के रूप में विकसित होने की क्षमता है और इसे यूनेस्को की मान्यता मिल सकती है। सेवायोजन अधिकारी डॉ. पीपी शर्मा एवं स्थानीय सहयोगी डॉ. अश्वनी अवस्थी ने भ्रमण में सहयोग किया। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि क्षेत्र को यूनेस्को के ग्लोबल जियो पार्क की सूची में शामिल कराने के लिए वह उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की सरकारों को रिपोर्ट सौंपेंगे।
क्या है जियो पार्क
गूगल से मिली जानकारी के आधार पर, जियो पार्क अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण भूविज्ञान वाला संरक्षित क्षेत्र है, जिसके सतत् विकास की मांग की जाती है और इसमें भू विज्ञान, पर्यटन, संरक्षण, शिक्षा और अनुसंधान शामिल है । यूनेस्को जियो पार्क के लिए एक मानक और इसके लिए आवेदन करने वाले क्षेत्रों को एक प्रमाणन सेवा प्रदान करता है।