लखनऊ: ...तो करोड़ों के घोटालेबाज को बचा रही है कमिश्नरेट पुलिस? जानिये क्या है पूरा मामला?

होमगार्ड जवानों की ड्यूटी में हेर फेर कर साढ़े चार करोड़ घोटाले का आरोपी है बीओ

लखनऊ: ...तो करोड़ों के घोटालेबाज को बचा रही है कमिश्नरेट पुलिस? जानिये क्या है पूरा मामला?

लखनऊ। होमगार्ड जवानों की दोहरी ड्यूटी लगाकर 4.24 करोड़ रुपये को घोटाले की जांच में कमिश्नरेट पुलिस की सुस्त चाल सवालों के कठघरे में आ गई है। अब तो होमगार्ड विभाग के बड़े अफसर भी दबी जुबान मानने लगे हैं कि आरोपी ब्लाक आर्गनाइजर व अन्य को बचाने के लिए जांच अधिकारी तकरीबन आठ माह से जांच लटकाए पड़े हैं।

मुख्य सचिव के आफिस-आवास व अन्य सरकारी संस्थानों में लगे होमगार्ड जवानों को ड्यूटी से हटाकर दूसरे स्थानों पर ड्यूटी कराए जाने का मामला जून, 2023 में सामने आया था। डीजी होमगार्ड ने मामले की जांच कराई तो भ्रष्टाचार के सबूत मिले थे। इसके बाद पूर्वी परिक्षेत्र के डीआईजी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई।

इस समिति ने मई 2003 से 2017 के बीच की लगाई गई ड्यूटी की जांच की तो तकरीबन साढ़े चार करोड़ रुपए के घोटाला किए जाने का मामला सामने आया। इस मामले में गोमतीनगर विस्तार थाने में एफआइआर भी दर्ज कराई गई। डीजी होमगार्ड ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर इस मामले में सभी आरोपियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई सुनिश्चित कराए जाने की भी सिफारिश कर रखी है। जिससे अपराध से कमाई गई संपत्ति को जब्त कराया जा सके।

पूरे मामले में निलंबित ब्लाक आर्गनाइजर के अलावा ढेर सारे होमगार्ड की भूमिका जांच के घेरे में है। होमगार्ड विभाग के बड़े अफसरों का कहना है कि बीओ के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। ऐसे में विभाग उसकी बर्खास्गी की तैयारी कर चुका है, लेकिन कमिश्नरेट पुलिस की ओर से अभी तक जांच को किसी नतीजे पर नहीं पहुंचाया जा सका है।

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