कासगंज: घटना के बाद थाने में खलबली, लाठीचार्ज से बिगड़ गया माहौल
धीमे धीमे बढ़ती ही जा रही थी आक्रोशितों की संख्या
कासगंज, अमृत विचार। शौचालय के जंगले पर युवक फांसी के फंदे पर लटका है। आओ जल्दी दौड़कर आओ, जैसे ही थाने में तैनात संत्री ने शौचालय का दरवाजा तोड़ने के बाद यह आवाज लगाई तो फिर खलबली मच गई। थाने में तैनात पुलिस कर्मी शौचालय की ओर दौड़ पड़े। खलबली मची रही। इधर जब थाने पर ग्रामीण हंगामा कर रहे थे तो पुलिस का शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया कदम बवाल का कारण बन गया। लाठीचार्ज से माहौल बिगड़ गया। पुलिस एक के बाद एक गलती करती ही गई।
वैसे तो पुलिस अभिरक्षा में रहने वाले हर आरोपी पर पैनी नजर रखती है। आरोपी किसी तरह कोई घातक कदम न उठा ले इसलिए उसकी ऐसी सामग्री जमा कर ली जाती जिससे उससे उसके लिए कोई खतरा रहता है, लेकिन सर्दी का मौसम है ऐसे में मानवीयता का परिचय देते हुए पुलिस ने पुलिस ने मफलर नहीं लिया। पुलिस को यह अंदाजा भी नहीं था कि वह मफलर से कोई आत्महत्या की कोशिश जैसा कदम उठा लेगा।
संतरी का दायित्व रहा कि वह आरोपी पर पूरी नजर रखे। शौचालय में बंद आरोपी जब काफी देर तक नहीं निकला तो संतरी चिंतित हुआ। आवाज देने पर भी कोई जवाब नहीं आया। संतरी ने बल प्रयोग कर दरवाजा तोड़ दिया। आरोपी के गले में फंदा देख उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। सहयोग के लिए उसने आवाज लगाई। फिर क्या था खलबली मची रही। आनन फानन में थाने के पुलिस कर्मी उसकी जान बचा के लिए उपचार के लिए ले गए।
वहीं परिजनों को भी सूचना किसी तरह मिल गई। परिजन अस्पताल पहुंच गए। जबकि रिश्तेदार, शुभचिंतक और ग्रामीण थाने में एकत्रित हो गए। यहां धीमे धीमे भीड़ बढ़ती जा रही थी। पुलिस माहौल नहीं परख पाई। पुलिस ने प्रयास किया कि शायद सख्ती दिखाएंगे तो भीड़ चली जाएगी और शांति व्यवस्था बनी रहेगी और इसी मंशा के तहत पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने का प्रयास किया, लेकिन मामला उलटा हो गया। भीड़ उग्र हो गई और पथराव कर दिया।
बहन बोली पुलिस हो चुकी है निरंकुश
आरोपी की बहन राधा ने पुलिस पर मनमानी और निरंकुशता का आरोप लगाया है। आरेाप है कि पुलिस जानबूझकर उसे प्रताड़ित कर रही थी। न तो जेल भेजा जा रहा था और न ही पुलिस उसे छोड़ रही थी। जिससे वह मानसिक रूप से तनाव में था और परेशान होकर यह कदम उठाया।
जूते चप्पल छोड़ भागे ग्रामीण
पुलिस ने जैसे ही बल प्रयोग किया और लाठीचार्ज की तो भगदड़ मच गई। ग्रामीण जूते-चप्पल छोड़कर मौके से भाग गए। जख्मों के डर से उनके चहरे पर खौफ दिखाई दिया। लाठचार्ज होने से कई ग्रामीण घायल हुए हैं। हालांकि अभी तक उनके नाम नहीं मिले हैं।
ये भी पढ़ें- कासगंज: किशोरी को भगाने के आरोपी ने पुलिस कस्टडी में किया आत्महत्या का प्रयास, मचा बवाल