Kanpur: जाम बना नासूर: शहर में पुलों व फ्लाईओवरों को बजट की दरकार..धन के अभाव में रूके कई प्रोजेक्ट...

शहरवासियों के लिए जाम नासूर बना हुआ है

Kanpur: जाम बना नासूर: शहर में पुलों व फ्लाईओवरों को बजट की दरकार..धन के अभाव में रूके कई प्रोजेक्ट...

कानपुर शहर स्मार्ट सिटी में तो शामिल हो गया है, लेकिन शहर के हर छोटे-बड़े चौराहे पर लगने वाला जाम शहरवासियों के लिए नासूर बना हुआ है।

कानपुर, अमृत विचार। कानपुर शहर स्मार्ट सिटी में तो शामिल हो गया है, लेकिन शहर के हर छोटे-बड़े चौराहे पर लगने वाला जाम शहरवासियों के लिए नासूर बना हुआ है। शहर की कमान संभालने वाले न जाने कितने आलाधिकारी जाम की चुनौती से निपटने आए और चले गए, लेकिन समस्या जस की तस बनी रही। 

जाम की बीमारी को खत्म करने के लिए जिम्मेदारों ने पुलों, फ्लाईओवर निर्माण के कागजी घोड़े दौड़ाए, लेकिन बजट के अभाव में योजना कागजों तक ही सीमित रह गई। सोमवार को राज्य सरकार का बजट आ रहा है। अब देखने वाली बात यह है कि सोमवार को आने वाले बजट में शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सरकार अपने खजाने में से कितना कोष उपलब्ध कराती है। 

बजट के अभाव में लटका पनकी पड़ाव पुल

दिल्ली-हावड़ा रूट पर स्थित पनकी पड़ाव रेलवे क्रॉसिंग पर 292.95 करोड़ की लागत से फोरलेन मल्टीडायमेंशन पुल का निर्माण कराया जाना था। पुल निर्माण में पीडब्ल्यूडी का अंशदान 251.84 करोड़ रुपये व रेलवे का अंशदान 41.11 करोड़ रुपये था। सेतु निगम ने सर्वे कर पुल की डिजाइन तैयार कर फिजीबिलिटी रिपोर्ट व एस्टीमेट स्वीकृति को भेजा था। लेकिन वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट के अभाव से योजना को शामिल नहीं किया गया था। 

भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी ने पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से बात कर शासन की योजना में पुल के प्रस्ताव में शामिल कराया था, लेकिन योजना एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी। अगर पुल का निर्माण हो जाता तो पनकी, कल्याणपुर, महावीरपुरम, रतनपुर, सुन्दर नगर, शताब्दी नगर, गंगागंज कॉलोनी समेत 30 से अधिक मोहल्लों में रहने वाले दो लाख से अधिक लोगों को जाम की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता था।

कागजों पर फजलगंज-दीप तिराहा फ्लाईओवर योजना

नंदलाल, चावला मार्केट पर भीषण जाम की समस्या बरकरार है। इसकी वजह से गोविंद नगर रोड पर दिन भर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। जाम में एंबुलेंस तक फंस जाती है। जाम की समस्या से निजात के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर फ्लाईओवर बनाने की मांग की गई थी। जिसके बाद फजलगंज से दीप तिराहे तक फ्लाईओवर बनाए जाने की योजना तैयार की गई थी। 

321 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 15 मीटर चौड़ा व करीब दो किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर तैयार होना था। यह फ्लाईओवर गोविंदपुरी पुल के पैरलल बनना था। जिससे कर्रही, जरौली बर्रा विश्व बैंक, दामोदर नगर, केशव नगर, नौबस्ता आदि इलाकों से फजलगंज आने-जाने वाले लोग फ्लाईओवर से आ-जा सके। उन्हें गोविंद नगर रोड से न गुजरना पड़े। इससे गोविंद नगर रोड पर ट्रैफिक लोड कम हो जाता है और जाम से छुटकारा मिल सके। सेतु निगम ने डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा था, जिस पर अब तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है। 

वीआईपी रोड एलिवेटेड मार्ग भी अटका

वीआईपी रोड पर मेघदूत तिराहा से मिलन गेस्ट हाउस तक थ्री लेन एलिवेटेड रोड बनाने की योजना तीन साल पहले बनी थी। यह प्रोजेक्ट मंजूर हो जाता तो आवागमन सुगम हो जाता। करीब ढाई सौ करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के लिए चार बार प्रस्ताव शासन भेजा जा चुका है। अभी तो कचहरी, डीएवी कॉलेज के पास जाम लगता रहता है।

चेतना चौराहा- मूलगंज टू लेन एलिवेटेड मार्ग 

चेतना चौराहा, बड़ा चौराहा, मेस्टन रोड पर लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए चेतना चौराहा से मूलगंज तक टू लेन एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव विधानसभा चुनाव से पहले बना था, लेकिन इसे भी मंजूरी नहीं मिली। पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में फाइल धूल फांक रही है। इस प्रोजेक्ट की मंजूरी बहुत ही जरूरी है पर जनप्रतिनिधि भी इसे लेकर खामोश हैं।

स्टॉक एक्सचेंज से बादशाहीनाका का प्रोजेक्ट 

स्टॉक एक्सचेंज से परेड, नई सड़क होते हुए बादशाहीनाका तक फोर लेन एलिवेटेड रोड बनाने की योजना भी विधानसभा चुनाव से पहले ही बनी थी। प्रोजेक्ट पीडब्ल्यूडी मुख्यालय भेजा गया। चुनाव में इसका ढिंढोरा भी पीटा गया पर हुआ कुछ नहीं। योजना थी कि लाटूश रोड में ही एलविटेड रोड पर ही पार्किंग की व्यवस्था भी की जाएगी पर सब हवा हवाई ही रहा।

पर्याप्त धन न होने से फोरलेन लटका

अर्मापुर से पनकी हाईवे पर पांच किलोमीटर लंबा फोरलेन का निर्माण होना था।  फोरलेन निर्माण के लिए पीडब्यूडी को पनकी पड़ाव के पास चार हजार स्क्वायर मीटर जमीन की आवश्यकता है। कामर्शियल जमीन का अधिग्रहण करने के लिए पीडब्ल्यूडी को 95 करोड़ रुपये की जरूरत है। जिस कारण पीडब्ल्यूडी पर बजट का बोझ पड़ रहा है। 

बोझ को कम करने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग सेतु निगम से भूमि अधिग्रहण की चर्चा करने की थी। अधिकारियों का कहना था कि पड़ाव के पास सेतु निगम का पुल भी प्रस्तावित है। पुल निर्माण के लिए सेतु निगम को भी भूमि अधिग्रहण करना होगा। अगर सेतु निगम भूमि का अधिग्रहण कर ले तो पीडब्ल्यूडी करीब 40 करोड़ की लागत से फोरलेन का निर्माण कर सकेगा।

92.92 करोड़ से तैयार होना है स्टेट हाईवे

मंधना से गंगा बैराज होते हुए लखनऊ हाईवे तक 17 किलोमीटर लंबे स्टेट हाईवे के चौड़ीकरण का कार्य गाजियाबाद की शर्मा कंस्ट्रक्शन को दिया गया है। स्टेट हाईवे के  दोनों तरफ साढ़े आठ मीटर सड़क चौड़ी होगी। तीन-तीन मीटर के फुटपाथ बनाए जाएंगे। बीच सड़क पर दो मीटर का डिवाइडर होगा। 

17 किलोमीटर लंबी सड़क के दोनों तरफ नाला और स्ट्रीट लाइट भी बनाने की योजना है। मंधना शुक्लागंज फोरलेन निर्माण से कन्नौज से लखनऊ की ओर जाने वाले लोगों का रास्ता सुगम हो जाएगा। बजट मिलने से योजना को बल मिलेगा।

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