कर्ज का बोझ कम करने, अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए गए: वित्त मंत्री

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Published By Moazzam Beg
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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कर्ज का बोझ कम करने के लिए सरकार ने कर राजस्व बढ़ाने, सार्वजनिक व्यय प्रभावशीलता बढ़ाने, राजकोषीय घाटे को कम करने की प्रतिबद्धता और उत्पादक दक्षता बढ़ाने जैसे कई कदम उठाए हैं। 

उन्होंने लोकसभा में कहा कि वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने के अलावा सरकार ने अपने प्रभावी पूंजीगत व्यय को 2020-21 में 6.57 लाख करोड़ रुपये से दोगुना से अधिक बढ़ाकर 13.71 लाख करोड़ रुपये और 2023-24 और 2024-25 में 14.97 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। 

उनका कहना था कि पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर सरकार के जोर से न केवल निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि कर्ज का बोझ कम करने के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की अधिक वृद्धि भी होगी। इसके साथ ही, सीतारमण ने कहा कि राज्य सरकारों को 50-वर्षीय ब्याज-मुक्त पूंजीगत व्यय ऋण और कर हस्तांतरण किस्तों की ‘फ्रंट-लोडिंग’ जैसे उपायों के माध्यम से अपने पूंजीगत व्यय को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। 

उन्होंने कहा कि निगमित (कॉरपोरेट) कर की दर में कमी, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का उदारीकरण और व्यापार करने में आसानी को बढ़ाने जैसे कई अन्य उपायों ने निजी निवेश में निरंतर वृद्धि के लिए सहायक स्थितियां बनाई हैं।

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