राजधानी तक पहुंची कासगंज में हुई भाजपा की रार, डिबाई की पूर्व विधायक ने सीएम को लिखा पत्र

गजेंद्र चौहान, कासगंज: भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बीच कासगंज में हुई रार और फायरिंग की घटना उत्तर प्रदेश की राजधानी तक पहुंच गई है। डिबाई की पूर्व विधायक पर मुकदमा लिखे जाने के बाद मामला और तूल पकड़ गया है। डिबाई की पूर्व विधायक के समर्थन में स्थानीय कुछ नेता आ गए हैं, लेकिन वे खुलकर सामने नहीं आ रहे। अंदरखाने पूर्व विधायक का पलड़ा भारी कर रहे हैं। वहीं कुछ स्थानीय नेता दूसरे गुट में दिखाई दे रहे हैं। इस बीच पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है और आरोपियों पर कार्यवाही की मांग की है।
मामला गुरुवार का है। दोपहर के बुलंदशहर जिले के डिबाई की पूर्व विधायक अनीता लोधी अपने समर्थकों के साथ कासगंज के चाड़ी रोड स्थित रवि गेस्ट हाउस पहुंची। यहां वे एक सीमित लोगों के बीच चुनावी चर्चा कर रही थी। इधर स्थानीय भाजपा के कुछ नेताओं को इसकी भनक लगी तो वह सक्रिय दिखे और गेस्ट हाउस पहुंच गए।
यहां अनीता लोधी का समर्थन किया। इस बीच आरोप है कि एपीएस लिखी एक स्कार्पियो कार आई। सफेद की रंग की इस कार से कुछ अराजक तत्व उतरे और अनीता लोधी के काफिले के आगे गाड़ी को आड़ा तिरछा लगा दिया और हवाई फायरिंग की। डिबाई की पूर्व विधायक घबरा गई। तभी उनके सरकारी सुरक्षा कर्मियों के अलावा निजी सुरक्षा कर्मियों ने मोर्चा संभाला और भी पूर्व विधायक की जान बचाई।
दूसरे पक्ष से भाजपा नेताओं ने भी अनीता एवं उनके समर्थकों पर फायरिंग का आरोप लगाया है और एफआईआर दर्ज कराई है। जबकि अनीता लोधी द्वारा की एसपी को दी गई तहरीरर पर एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। यह मामला तूल पकड़ रहा है। पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख दिया है सीएम से मिलने लखनऊ गई है। जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात कर आरोपियों पर कार्यवाही की मांग करेंगी।
बोले सभी, लेकिन खुलकर नहीं आया सामने
एटा जिले के एक वर्ग से एक विधायक एवं उनके समर्थक अनीता के पक्ष में हैं। जबकि कासगंज से एक पूर्व विधायक भी अनीता के पक्ष में है। ऐसे में अनीता को बल मिलता दिखाई दिया है। एटा एवं कासगंज जिले के दोनों भाजपा नेता मामले में पैरवी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से मिलने के लिए अनीता लोधी को भेज दिया है, लेकिन सभी नेताओं ने अपना नाम छिपाए रखने की शर्त रखी है।
पालिका के अफसरों में मची खलबली
मामला जब इतना तूल पकड़ गया है तो पालिका के अफसरों में भी खलबली मच गई है। क्योंकि विवाद को जन्म सबसे पहले कासगंज पालिका ने दिया। यहां अनीता लोधी द्वारा लगवाए गए पोस्टर रातों रात हटा दिए गए। इसकी शिकायत अनीता ने उच्च अधिकारियों से की फिर तो अधिकारियों को लताड़ भी लगी है, हालांकि पालिका के कोई अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
क्या बोलीं डिबाई की पूर्व विधायक
मैने मुख्यमंत्री को पत्र लिख दिया है और उनसे मुलाकात करने जा रही हूं। कासगंज पुलिस पुलिस ने भी पक्षपात किया है। एक तरफ मैने शाम चार बजे ही पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और मेरी ओर दिए गए प्रार्थना पत्र पर एफआईआर नहीं हुई। दूसरे पक्ष की तहरीर पर मेरे और मेरे समर्थकों के बीच एफआईआर दर्ज कर ली गई। यह न्याय संगत नहीं है--- अनीता लोधी, पूर्व विधायक डिबाई।
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