प्रयागराज: विश्वकल्याण के लिए संगम में 11 लाख रुद्राक्ष से निर्मित शिवलिंग व 5454 त्रिशूल बने आस्था का केंद्र

दर्शन-पूजन के लिये पहुंच रहे लोग, भक्तिभाव से झुका रहे शीश

प्रयागराज: विश्वकल्याण के लिए संगम में 11 लाख रुद्राक्ष से निर्मित शिवलिंग व 5454 त्रिशूल बने आस्था का केंद्र

प्रयागराज। माघ मेले की शुरुआत होने के बाद संगम में तमाम साधू संतों का जमावड़ा लगने लगता है। वहीं संगम के सेक्टर तीन में आये बाल ब्रह्मचारी अभय चैतन्य फलाहारी मौनी जी महाराज का आश्रम पिछले 38 सालों से आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। उनके शिविर में रुद्राक्ष से बने शिवलिंग और लगाए गये हजारों त्रिशूल की बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजन और परिक्रमा कर रहे हैं। संगम नोज पर स्थित इस शिविर में स्नान के बाद श्रद्धालु मत्था टेक कर परिक्रमा करने के साथ मनोकामना पूरी होने का आशीष प्राप्त कर रहे हैं।

संगमनगरी में बाल योगी ने बताया कि राम मंदिर निर्माण का संकल्प इसी शिविर से लिया गया था। जो अब जाकर पूरा हुआ है। अब काशी विश्वनाथ और मथुरा के लिए संकल्प लिया गया है। अयोध्या में भव्य श्रीरामलला का मंदिर बनाने का संकल्प पूरा हो चुका है। इसके बाद बाल ब्रह्मचारी स्वामी अभय चैतन्य फलाहारी मौनीजी महाराज ने काशी विश्वनाथ और मथुरा में भव्य मंदिर निर्माण के लिए संकल्प लेकर 1 करोड़ 25 लाख मंत्रो का जप शुरु करा दिया है। वह माघ मेले में स्थित अपने शिविर में रुद्राक्ष महायज्ञ और दंडवत परिक्रमा शुरू की है। शिविर में 11 लाख रुद्राक्ष भी बने शिवलिंग का पूजन शुरु कर दिया है। मकर संक्रांति से शुरू होकर यह यज्ञ महाशिवरात्रि तक चलेगा।

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हुए थे शामिल

अयोध्या में रामलला विराजमान के प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद महर्षि बाल योगी ने कहा कि आयोध्या में रामलला का दर्शन करने के बाद मन में प्रशन्नता हुई है। वह शब्दों में इस जुबान से बयां नहीं किया जा सकता है। रामलला का दर्शन करने के बाद आंखे खुली रह गयी। चारों तरफ सिर्फ राम नाम की गूंज सुनाई दे रही थी।

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