बरेली: ठंड के तेवर तीखे...गजक और रेवड़ी का बाजार गर्म, जानिए क्या बोले दुकानदार?
दुकानदार बोले- आधा सीजन बीत चुका लेकिन तिल, गुड़, मेवा, मूंगफली की बनी गजक की मांग बरकरार
बरेली, अमृत विचार: ठंड के तीखे तेवरों के चलते तिल और गुड़ को मिलाकर बनाई जाने वाली गजक की मांग बरकरार है। ऐसे में कारखानों में कारीगर अभी भी गजक बनाने में जुटे हैं।
दुकानदारों का कहना है कि तिल की तासीर गर्म होने के कारण सर्दियों में फायदेमंद रहता है। बाजार में गुड़ की गजक, चीनी की गजक, तिल पापड़ी, तिल के लड्डू, मूंगफली चिक्की, काजू गजक, ड्राई फ्रूट चिक्की, क्रेंची गजक, क्रेची लड्डू, तिलकुटा टिकिया व तिलकुटा बर्फी आदि 20 से 25 वैरायटी की गजक है। कुतुबखाना में गजक बनाने वाले राजाराम ने बताया कि उनके कारखाने में मलाई गजक, चॉकलेट गजक रोल, चीनी की गजक, गुड़ की गजक, तिल की गजक सहित कई तरह की गजक बनाई जाती है।
इस बार 20 प्रतिशत तक बढ़ गए दाम
दुकानदार बताते हैं इस बार ठंड में 20 प्रतिशत तक दाम बढ़ने के बाद भी बिक्री में कमी नहीं आई। इस बार सादा गजक के दाम 300 रुपये, ड्राई फ्रूट देशी घी गजक 600 रुपये, तिल मावा बाटी 400 रुपये, गजक का समोसा 600 रुपये में बिक रहा है। साथ ही पंचरत्न बर्फी 500 रुपये, मावे की गजक 320 रुपये, तिल के लड्डू 300 रुपये और रेवड़ी 300 रुपये किलो बिक रही है।
सेहत के लिए फायदेमंद है मूंगफली
आयुर्वेद चिकित्सक डा. अंजनी बताते हैं कि मूंगफली प्रोटीन से भरपूर होती है, जो शारीरिक वृद्धि के लिए बहुत जरूरी है। मूंगफली में मैगनीज के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट, मेटाबॉलिज्म, कैल्शियम, एब्जोप्र्शन, और ब्लड शुगर को रेगुलेट करता है। इसके साथ ही मूंगफली के सेवन से डायबिटीज का खतरा 21 फीसदी तक कम हो जाता है।
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