ट्रक में सिलेंडर विस्फोट: आग लगने के बाद डेढ़ किमी. तक ट्रक दौड़ाता रहा चालक, सूझबूझ न दिखाई होती तो बिछ जातीं लाशें!

ट्रक में सिलेंडर विस्फोट: आग लगने के बाद डेढ़ किमी. तक ट्रक दौड़ाता रहा चालक, सूझबूझ न दिखाई होती तो बिछ जातीं लाशें!

ट्रक में लदे थे 364 गैस सिलेंडर, आधे घंटे तक‌ होता रहा विस्फोट 

गोंडा। करनैलगंज के भुलियापुर गांव के पास हुए हादसे में अगर ट्रक चालक हिम्मत नहीं दिखाता तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। लेकिन उसने सूझबूझ का परिचय देते हुए हिम्मत नहीं हारी और आग लगने के बाद अपनी जान की परवाह किए बगैर वह करीब डेढ़ किलोमीटर तक हाइवे पर ट्रक दौड़ जाता रहा। जब उसने सड़क पर खाली स्थान देखा तो ट्रक को किनारे लगाकर उससे कूदा और अपनी जान बचाई। चालक की इस सूझबूझ से बडी अनहोनी टल गयी। चालक ने जैसे ही वाहन रोका आग की लपटें गैस सिलेंडर तक पहुंच गयीं और सिलेंडर के ताबड़तोड़ धमाकों से पूरा इलाका दहल उठा। 

हादसे का शिकार हुए ट्रक में कुल 364 एलपीजी गैस सिलेंडर लदा हुआ था। ट्रक रात में लखनऊ के गुडंबा इलाके से सिलेंडर लादकर गोंडा के सूर्या गैस एजेंसी के लिए निकला था‌। ट्रक को चालक पवन पाल चला रहा था। ट्रक सुबह आठ बजे के करीब गोंडा लखनऊ हाइवे पर करनैलगंज के भुलियापुर गांव के पास पहुंचा तो ट्रक के इंजन में शॉर्ट सर्किट के चलते अचानक आग लग गयी। जब आग लगी तो ट्रक जरवल कस्बे में पहुंचा था।

भीड़भाड़‌ वाला इलाका देख चालक पवन के हाथ पांव फूल गए। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। रुकने के बजाय उसे वह पूरे सूझबूझ के साथ हाइवे पर ट्रक को दौड़ाता रहा। करीब डेढ़ किलोमीटर तक जाने के बाद जब वह जिले के करनैलगंज थाने के भुलियापुर गांव के समीप पहुंचा तो सड़क सुनसान देखकर उसने ट्रक रोका और क्लीनर समेत ट्रक छोड़कर दूर भागा। तब तक आग की लपटें गैस सिलेंडर तक पहुंच गयी थीं।

ज्योंही सिलेंडर ने आग पकड़ी पूरा इलाका तेज धमाकों से दहल उठा। धमाकों की आवाज सुनकर आसपास के गांव के लोग भयभीत हो उठे। करीब आधे घंटे तक ताबड़तोड़‌ धमाके होते रहे। इस दौरान सड़क के दोनों तरफ आवागमन ठप हो गया और वाहनों की लंबी कतार लग गयी। पुलिस और पांच फायर वाहनों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया लेकिन तब तक ट्रक पूरी तरह से खाक हो चुका था।

एक किमी दूर तक बिखरे गैस सिलेंडर

अमृत विचार:  आग पकड़ने के बाद तेज धमाकों के साथ गैस सिलेंडर हवा में रॉकेट का तरह उड़ते नजर आए। धमाके के चलते सिलेंडर के टुकडे एक किमी दूर तक खेतों में बिखर गए। एक सिंलेडर तो सडक किनारे लगे पेंड पर जाकर अटक गया। आग पर काबू पाने के बाद पुलिस घंटों तक सिलेंडर का मलबा इकट्ठा करने में जुटी रही। 
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गली-गली मौत को लेकर घूम रहे सिलेंडर लदे वाहन

करनैलगंज थाना क्षेत्र के भुलियापुर गांव के समीप लखनऊ गोंडा हाइवे पर सिलेंडर लदे ट्रक में आग लगने की घटना में भले ही किसी तरह की जनहानि नहीं हुई लेकिन इस घटना ने गैस सिलेंडरों की डिलीवरी करने वाले वाहनों में सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल कर रख दी है।

गैस सिलेंडर की डिलीवरी करने वाले वाहनों में न तो आग रोकने के लिए अग्निशमन यंत्र लगे हैं और न ही सुरक्षा की कोई व्यवस्था है। घटना के बाद अमृत विचार ने गैस सिलेंडर की डिलीवरी करने वाले वाहनों में सुरक्षा के इंतजामों की पडताल की तो बेहद चौंकाने वाली स्थिति दिखाई दी। शहर के गली मोहल्लों में तो ई रिक्शा से गैस सिलेंडरों की डिलीवरी करायी जा रही है। ऐसे में यदि इन वाहनों में कोई दुर्घटना होती है तो हालात बेहद भयावह हो सकते हैं।

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