UP की जेलों में बंद कैदी भी 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह का कर रहे हैं बेसब्री से इंतजार

लखनऊ। अयोध्या स्थित राम मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदी भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि 22 जनवरी के इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण उनकी बैरक में किया जाएगा। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले, कैदी विभिन्न सामान तैयार करने में व्यस्त हैं, जिन्हें समारोह के लिए भेजा जा रहा है और जेलों में उनके लिए 'रामकथा' और भजन सुनने की भी व्यवस्था की जा रही है।
कैदियों के लिए प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के सीधा प्रसारण के लिए की गई व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर, जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा, "हम उन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण दिखाने के लिए जेलों के अंदर व्यवस्था कर रहे हैं। जेल के अंदर हर कोई कट्टर अपराधी नहीं है और वे समारोह का सजीव प्रसारण देखने के लिए बहुत उत्सुक हैं।"
इस बारे में अपर पुलिस महानिदेशक (जेल) एस एन साबत ने कहा, "हमारे पास जेलों की बैरक में एलईडी टीवी जैसी बुनियादी सुविधाएं पहले से ही हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण किया जाएगा। यह उनके लिए एक आध्यात्मिक कार्यक्रम भी होगा। इस कार्यक्रम से कैदियों को जेल से बाहर आने पर अपराध से दूर रहने में मदद भी मिल सकती है।"
उन्होंने कहा कि जेल के कैदी भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए अपनी तरफ से चढ़ावा भेज रहे हैं। भदोही जेल से राम मंदिर डिजाइन वाली कालीन और लटकने वाली कालीन बृहस्पतिवार को ही अयोध्या भेजी जा चुकी हैं। भगवान राम और मंदिर वाली ये कालीन कैदियों ने तैयार की हैं। जिला प्रशासन द्वारा उन्हें इस कार्य के लिए सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध करायी गयी।
रायबरेली जेल में कैदियों ने 11 हजार दीये बनाए हैं,जिन्हें अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन जेल और जिले के अन्य सरकारी कार्यालयों में जलाया जाएगा। इसी तरह, नोएडा जेल में 1000 एलईडी बल्ब बनाए गए, जिला जेल मैनपुरी में कैदियों ने तारकशी कला में राम मंदिर और राम दरबार बनाया है, सहारनपुर जेल के कैदियों ने राम मंदिर के लकड़ी के मॉडल बनाए हैं, फतेहपुर जेल के कैदियों ने भगवान राम के नाम और मंदिर मुद्रित थैले बनाए हैं।
एडीजी ने कहा कि पीलीभीत और आजमगढ़ के कैदियों ने भी दीये बनाए हैं। चित्रकूट जेल के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को चित्रकूट जेल में तीन दिवसीय 'श्रीराम कथा' का आयोजन किया गया है, जिसमें कैदियों को अच्छे कार्यों में लगने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। चित्रकूट जेल के अधिकारियों ने बताया कि कैदियों ने जेल से रिहा होने के बाद अपराध छोड़ने की शपथ भी ली।
अयोध्या जेल में कैदी खुद कथा का आयोजन कर रहे हैं। कथा सुनने वाले और कथा करने वाले, दोनों ही कैदी हैं। इसके लिए उन्हें हारमोनियम और वाद्य यंत्र उपलब्ध कराये गये हैं। अधिकारियों का कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा का यह आयोजन कैदियों के लिए दोहरे अवसर के रूप में आया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां कैदी आध्यात्म में रम रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्हें भगवान राम के लिए सामान बनाकर अपना कौशल और भक्ति दिखाने का मौका भी मिल रहा है।
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