सोलर सिस्टम की सहायता से उद्योग बढ़ा सकते है अपनी कमाई, जानिए कैसे?
"देश की टॉप सोलर कंपनियों में शुमार लूम सोलर कंपनी उद्योगों को सोलर सिस्टम लगाने की आसान सुविधा देती है। लूम सोलर के इंजीनियर की टीम फैक्ट्री साइट का सर्वे कर जरुरत के अनुसार बेस्ट सोलर सिस्टम लगाने की सलाह देते हैं। लूम सोलर ग्राहकों को सोलर लोन और ईएमआई जैसी सुविधाएं भी दे रही है।"
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में लगे हुए हैं। इस दिशा में देश को वर्ष 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्र राष्ट्र बनाने का संकल्प वो ले चुके हैं। एशिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना मध्य प्रदेश के रीवा में स्थापित की गई है। विकसित भारत की दिशा में एक और एहम कड़ी है और वो हैं हमारे एमएसएमई।
क्या आपको पता है कि हमारे देश में 60 लाख सूक्ष्म लघु और मझोले उद्योग हैं। इनमें से 90 फीसदी के करीब माइक्रो श्रेणी के हैं, जिनका सालाना औसतन टर्नओवर 50 करोड़ रुपये तक है। इन उद्योगों की महीने की आय 5 लाख रुपये तक आंकी गई है। हम सब जानते हैं कि इन इंडस्ट्री को चलने के लिए बिजली की कितनी जरूरत है। ज्यादातर कुटीर उद्योग ग्रामीण अंचलों में समूह बनाकर या निजी क्षेत्र की तरफ से संचालित किये जा रहे हैं। इन इलाकों में बिजली की आवाजाही आम बात है। कई बार तो यहाँ रात-रातभर बिजली आती ही नहीं है। ऐसे में उद्योग का संचालन जेनेरेटर चलाकर करना पड़ता है, जिसमें लागत के आलावा 30 से 40 फीसदी का खर्च अतिरिक्त आता है। साथ ही लेबर कॉस्ट और प्रोडक्शन एफिशियंसी भी इससे सीधे प्रभावित होती है। इस खर्च को कम करने और बिजली की दिशा में आत्मनिर्भर बनने के लिए अब मौका आपके हाथ आ गया है।
बिजली की समस्या का समाधान है 'लूम सोलर'
सोलर एनर्जी को अपनाकर न केवल उद्योग अपने बिजली के बिल में 80 फीसदी कम तक की राहत पा सकते हैं बल्कि वैकल्पिक ढंग से ऊर्जा बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले संसाधनों में होने वाले 30 से 40 फीसदी खर्चों में भी कटौती कर सकते हैं। सोलर पावर को अपनाने में कई उद्योग इसलिए आगे नहीं आते हैं क्योंकि उनका उद्योग किराये के परिसर या भूमि पर संचालित होता है। ऐसे में सोलर कंपनियां उन्हें सुविधाएं देने में अपना हाथ आगे नहीं बढ़ाती हैं। लेकिन देश की टॉप सोलर कंपनियों में शुमार लूम सोलर कंपनी उद्योगों को सोलर सिस्टम लगाने की आसान सुविधा देती है।
कोई फैक्ट्री अगर एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट होती है तो पूरे सोलर सिस्टम को भी शिफ्ट करने की सुविधा लूम सोलर (Loom Solar) देती है और नए तरीके से सिस्टम को इंस्टॉल भी किया जाता है। लूम सोलर के इंजीनियर की टीम फैक्ट्री साइट का सर्वे कर जरुरत के अनुसार बेस्ट सोलर सिस्टम लगाने की सलाह देते हैं। लूम सोलर ग्राहकों को सोलर लोन और ईएमआई जैसी सुविधाएं भी दे रही है। सोलर सिस्टम में लगने वाला पैसा लगभग 4-5 साल में कैसे अदा हो जायेगा आप जान भी नहीं पाएंगे। इसके बाद न तो बिजली का बिल आएगा और न ही आपका दिल घबराएगा।
कौन से उद्योग या फैक्ट्री सोलर सिस्टम लगवा सकते है?
वैसे तो कोई भी फैक्ट्री, उद्योग या व्यवसाय में सोलर सिस्टम लगवाया जा सकता है। साथ ही यदि कोई फैक्ट्री मालिक अपने जयदा बिजली बिल से परेशान है तो वो सोलर सिस्टम की मदद से अपना बिजली बिल में लगने वाला पैसे बचा सकते है। इसी प्रकार जिन इलाको में पावर कट का प्रॉब्लम रहता है और डीजल से जनरेटर चलाना महंगा पड़ता है वो बैटरी वाला सोलर सिस्टम लगवा कर बिजली बिल के साथ-साथ पावर कट के दौरान भी फैक्ट्री में लगातार काम कर सकते है।
क्या बारिश और ठण्ड के मौसम में सोलर पैनल काम करता है ?
जी हां, लूम सोलर के पास नई टेक्नोलॉजी के Topcon solar panel है जिनकी बिजली बनाने की क्षमता 22.30% तक है जो की आज तक की सबसे ज्यादा है, साथ ही Topcon सोलर पैनल हर प्रकार के मौसम में बिजली बनाने की क्षमता रखता है जिससे की बारिश और ठण्ड के मौसम में भी सोलर पैनल आपको लगातार बिजली बना कर देता रहता है। साथ ही ये सोलर पैनल कम जगह में आपको ज्यादा बिजली बना कर देने का काम करता है।
उद्योगों या फैक्टरियों के लिए कौन सा सोलर सिस्टम उचित होता है?
फैक्ट्री में वर्क लोड ज्यादा होने के कारण बैटरी वाला सोलर सिस्टम (ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम ) लगाने की सलाह दी जाती है। ताकि बिजली न होने के दौरान भी फैक्ट्री में काम लगातार चलता रहे। जिसके लिए लूम सोलर के इंजीनियर ग्राहक को साइट विजिट की सुविधा भी देते हैं।
क्या आसान किश्तों पर फैक्ट्री में सोलर सिस्टम लगवाया जा सकता है?
लूम सोलर के साथ कोई भी उद्योग मालिक महीने की आसान किस्तों पर फैक्ट्री में सोलर सिस्टम लगवा सकता है। जितना महीने का बिजली बिल आता है उतने रुपए की किश्तों में सोलर सिस्टम लगवाया जा सकता है। आपको केवल 20 फीसदी पेमेंट करना होता है, बाकी 80 फीसदी पेमेंट आप किश्तों में आसानी से चुका सकते है।