बरेली: प्रवासी पक्षियों का आवागमन शुरू, मगर संख्या कम

सेंट्रल एशिया से लद्दाख होते जिले में आते हैं प्रवासी पक्षी

बरेली: प्रवासी पक्षियों का आवागमन शुरू, मगर संख्या कम

फोटो- रामगंगा नदी के ऊपर उड़ती प्रवासी पक्षी की रुडी शेलडक प्रजाति।

बरेली, अमृत विचार: जिले के आद्रभूमि पर प्रवासी पक्षी पहुंचने लगे हैं। बरेली में आंवला, रामगंगा, फरीदपुर आदि जगह स्थित आद्रभूमि पर विदेशी मेहमान देखे गए हैं। पक्षियों को देखने वालों का कहना है कि अभी भी इन प्रवासी पक्षियों की संख्या उतनी नहीं है, जितनी पहले के दिनों में हुआ करती थी।

फिलहाल रूडी शेलडक, सिट्रीन वैगटेल, कॉमन रेडशैंक, टेमिंक स्टिंट जैसी प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां दिख रही हैं। काजल दास गुप्ता ने बताया कि पिछले बरसों के मुकाबले इनका आना बेहद कम हुआ है। ऐसे में या तो आद्रभूमि में पानी नहीं है या फिर पोखर आदि दूषित हैं। सबसे ज्यादा प्रवासी पक्षी आंवला हजरतपुर में देखे जाते थे। सेंट्रल एशिया में अत्यधिक ठंड होने के बाद प्रवासी पक्षी भारत का रुख करते हैं।

बतख प्रजाति की दिख रही केवल एक प्रजाति
काजल दास गुप्ता के मुताबिक कई साल पहले तक पानी में रहने वाली प्रजातियां बड़ी तादाद में जिले की आद्रभूमि पर दिखाई देते थे। इनकी 10 से 15 प्रजातियां जैसे रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, कॉमन टील, नॉर्दन पिनटेल, नार्दन शोवेलर, यूरेशियन विजेयोन, टफ्टड डक, गेडवॉल, यूरेशियन स्पूनबिल, व्हाइट आईड पोचार्ड और बार हेडेड गूज अब नहीं दिखाई देती हैं। पानी में रहने वाली केवल एक प्रजाति रूडी शेलडक ही दिखाई दे रही है।

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