लक्ष्मणपुर के नाम से जाना जाता था लखनऊ, जानिए इतिहासकार नवाब मसूद अब्दुल्ला की जुबानी

लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अपनी तहजीब, अदब और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के जायके के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। यह शहर आज भले ही नवाबों के शहर लखनऊ के नाम से जाना जाता हो, लेकिन इसका प्राचीन नाम लक्ष्मणपुरी है। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यह जानकारी दी है लखनऊ के इतिहासकार नवाब मसूद अब्दुल्ला ने।
उन्होंने बताया है कि राम जी ने यह शहर अपने छोटे भाई लक्ष्मण जी को खुश होकर तोहफे में दिया था। उन्होंने यह भी बताया है कि इस शहर को पहले लक्ष्मणपुरी फिर लखनपुरी और कुछ लोग इसे लखनावती भी कहते आए हैं, बाद में धीरे-धीरे इस शहर का नाम लक्ष्मणपुरी से लखनऊ हो गया। इतिहासकार नवाब मसूद अब्दुल्ला के मुताबिक पहले अवध की राजधानी फैजाबाद हुआ करती थी, लेकिन साल 1775 में फैजाबाद से राजधानी लखनऊ कर दी गई। यह बदलाव नवाब आसफ़ुद्दौला के समय में हुआ था।
अवध यानी कि जो अमर रहे
इतिहासकार नवाब मसूद अब्दुल्ला के मुताबिक आज जिस शहर को हम लोग लखनऊ नाम से जानते हैं। उसके बारे में जो जानकारी हमारे बुजुर्गों ने दी वह यह बताया करते थे कि शहर का नाम लक्ष्मणपुरी था। इतना ही नहीं जो आज अवध के नाम से इस क्षेत्र को जाना जाता है। वह भी संस्कृत भाषा के शब्द से लिया गया है। उन्होंने बताया कि अवध यानी कि जिसका वध न किया जा सके, जिसकी मृत्यु ना हो। जो हमेशा अमर रहे उसे अवध कहा जाता है। उन्होंने बताया कि हमारे बुजुर्ग हमको कहानी सुनाया करते थे और कहा करते थे कि जब श्री राम जी रावण से युद्ध में जीतकर अयोध्या आए तब पूरे देश में दिवाली मनाई गई। उसे दौर में हर तरफ खुशहाली ही खुशहाली थी।
उन्होंने बताया कि रावण का वध करने और युद्ध जीतने में राम जी का लक्ष्मण जी ने पूरा सहयोग किया था, चूंकि लक्ष्मण जी ने अपने भाई राम का पूरा साथ दिया। इस वजह से श्री राम ने खुश होकर लक्ष्मण जी को तोहफे में यह शहर दिया था। तब इसका नाम लक्ष्मणपुरी पड़ा था। कुछ लोग इसको लखनपुरी और लखनावती भी कहा करते थे। धीरे-धीरे समय बीतता गया और नाम में भी बदलाव हो गया। आज पूरी दुनिया में इस शहर को लखनऊ के नाम से जाना जाता है।
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