बरेली बेसिक शिक्षा विभाग : रामगोपाल की छोटी सी कहानी है... वैसे भ्रष्टाचार की इस किताब में अनगिनत पन्ने
सहासा के हेडमास्टर अब बीएसए कार्यालय पर करेंगे भूख हड़ताल, भ्रष्टाचार के आरोपों पर बाकी शिक्षकों ने भी मिलाए सुर में सुर

बरेली, अमृत विचार : आलमपुर जाफराबाद के सहासा प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक रामगोपाल वर्मा निलंबन और बहाली से गुजरने के बाद भी चुप बैठने को तैयार नहीं हैं। खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ पैसा मांगने की शिकायत के बाद से उन्हें अफसरों का कोपभाजन बनना पड़ रहा है।
उन्हें दूसरे ब्लॉक में ट्रांसफर करने के साथ एक वेतनवृद्धि भी रोकी जा चुकी है लेकिन उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी पर जो आरोप लगाए, उसकी जांच नहीं की गई। अब उन्होंने डीएम को पत्र लिखकर घोषणा की है कि अगर उनकी शिकायत पर जांच कर कार्रवाई न की गई तो वे नौ जनवरी से बीएसए दफ्तर पर भूख हड़ताल शुरू कर देंगे।
उधर, रामगोपाल के खिलाफ हुई कार्रवाई का मामला शिक्षकों के बीच मुद्दा बनने लगा है। आमतौर पर चुप्पी साधे रहने वाले शिक्षक और उनके नेता भी अब जबान खोलने लगे हैं। इसी के साथ बेसिक शिक्षा विभाग में दबे रहने वाले भ्रष्टाचार के मामले भी उछलने लगे हैं। रामगोपाल वर्मा की ओर से डीएम को दिए गए पत्र में अफसरों पर भ्रष्टाचार के ढेर सारे आरोप हैं और दूसरे शिक्षक भी इनकी पुष्टि करने से कतरा नहीं रहे हैं।
डीएम को दिए पत्र में रामगोपाल ने कहा है कि खंड शिक्षा अधिकारी ने उनका चयन वेतनमान लगवाने की प्रक्रिया लंबे समय तक लटकाए रखी। उनसे दो हजार रुपये मांगे गए। उनका आरोप है कि पिछले दिनों उन्होंने भमोरा बीआरसी में हुई बैठक के दौरान इसका विरोध किया तो खंड शिक्षा अधिकारी ने हाथ में जूता लेकर उन्हें दौड़ा दिया था।
रामगोपाल का आरोप है कि उन्होंने इसकी शिकायत बीएसए से की तो उन्हें ही अनियमितताओं का आरोप लगाकर सस्पेंड कर दिया गया। उनके आरोपों पर जांच न कराने पर वह बीआरसी में ही धरने पर बैठे तो एडी विनय कुमार ने वहां पहुंचकर भरोसा दिलाया कि खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
उनके धरना खत्म करने के बाद उन्हें बहाल तो कर दिया गया लेकिन दूसरे ब्लॉक में ट्रांसफर के साथ उनकी वेतन वृद्धि भी रोक दी गई। खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ जांच नहीं की गई। बैठक में बीईओ से अपमानित होने की शिकायत का इतना खामियाजा भुगतना पड़ेगा इसका अंदाजा आलमपुरा जाफराबाद के सहासा प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक राम गोपाल वर्मा को नहीं था।
बीते दिनों अपमान सहित अधिकारियों के भ्रष्टाचार की कई शिकायत करने के बाद बीएसए ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। हालांकि करीब एक माह बाद उनकी वेतन वृद्धि पर रोक लगाते हुए दूसरे ब्लाॅक में तैनाती कर बहाल कर दिया गया है।
विभागीय अधिकारियों की उनके खिलाफ एक तरफा कार्रवाई से आहत प्रधानाध्यापक का कहना है कि जल्द से जल्द इस संबंध में निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है तो आगामी 9 जनवरी से बीएसए दफ्तर में ही अनिश्चितकालीन भूख - हड़ताल को बाध्य होंगे। उन्होंने बीएसए और जिलाधिकारी को पत्र देकर वेतन वृद्धि पर रोक हटाने व ब्लॉक परिवर्तन नहीं करने की गुहार लगाई है।
मिड डे मील से कंपोजिट ग्रांट तक मांगते हैं हिस्सा छुट्टी मंजूर कराने का भी देना पड़ता है पैसा: शिक्षकों का आरोप है कि मिड डे मील हो या कंपोजिट ग्रांट, अफसरों को उनमें हिस्सा चाहिए होता है। चयन वेतनमान, सीसीए, मातृत्व अवकाश, चिकित्सकीय अवकाश मंजूर कराने के लिए पैसे मांगे जाते हैं।
इसके अलावा अनुपस्थिति भी उन्हीं शिक्षकों की दिखाई जाती है जो फरमाइश पूरी नहीं करते। शिक्षकों का यह भी आरोप है कि हर ब्लॉक में अफसरों ने दलालों को उगाही की जिम्मेदारी दे रखी है जो शिक्षकों को दबाव में लेकर उगाही करते रहते हैं। पैसा न देने वाले शिक्षकों का जमकर उत्पीड़न भी होता है। रामगोपाल वर्मा के साथ भी यही हो रहा है।
शिक्षक नेता बोले- अब और बर्दाश्त नहीं, न सुधरे तो आंदोलन करेंगे: विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। हर महीने 20-25 शिक्षकों की शिकायतें आती हैं। शिक्षकों के अवकाश, मातृत्व अवकाश या ऐसे और कामों के लिए बीआरसी के कुछ कर्मचारी अफसरों के सीधे संपर्क में रहकर उगाही करते हैं। - डॉ. विनोद कुमार शर्मा, मंडल अध्यक्ष यूपी जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ
ज्यादातर ब्लॉकों के शिक्षक पैसे की उगाही की शिकायत करते रहते हैं। अब यह सब हद पार करने लगा है। आगे शिक्षकों से उनके जायज काम के लिए विभागीय दलाल पैसे की मांग करेंगे तो किसी भी हालत में इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। - मुकेश सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ
शिक्षकों से अवकाश तक मंजूर करने के लिए सुविधा शुल्क मांगा जाता है। इस संबंध में विभागीय अफसरों को कई बार चेतावनी दे चुके हैं। कई ब्लॉकों से अब भी भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही हैं। इस पर रोक न लगी तो भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे। भानु प्रताप सिंह, जिलाध्यक्ष यूटा
शिक्षकों से उनके जायज काम के लिए अनुचित रूप से धन मांगना बेहद शर्मनाक है। शिक्षकों की भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही हैं। जिले में इस भ्रष्टाचार पर तत्काल रोक लगाने के लिए बीएसए और महानिदेशक से जल्द बात करेंगे। - नरेश गंगवार, प्रदेश उपाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ
ये भी पढ़ें - बरेली: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन सजेंगे मंदिर, गूंजेंगे जयकारे, होंगे हवन, भंडारा, कीर्तन समेत कई धार्मिक कार्यक्रम