Special Story: Unnao में परंपरिक खेती को छोड़ आधुनिक खेती से कम समय में ’ज्ञानू’ तैयार कर रहे फसल
उन्नाव में परंपरिक खेती को छोड़ आधुनिक खेती से कम समय में ’ज्ञानू’ तैयार कर रहे फसल।

उन्नाव में परंपरिक खेती को छोड़ आधुनिक खेती से कम समय में ’ज्ञानू’ तैयार कर रहे फसल। तत्कालीन डीएम प्रगतिशील किसान को सम्मानित कर चुके हैं। बारहों मास आधुनिक खेती के जरिये कई को रोजगार दे रहे हैं।
उन्नाव, (द्विजेन्द्र मिश्र)। खेती किसानी की पुरानी पद्धति को बदलते हुये अब किसान आधुनिक खेती की ओर अपने कदम बढ़ा रहा है। इसके लिये केन्द्र और प्रदेश सरकार भी किसानों के लिये एक से बढ़कर एक योजनाएं मुहैया करा रही है। जिसका फायदा उठाकर किसान अपनी उपज दोगुनी कर रहे हैं।
ऐसे ही एक किसान उन्नाव अंतर्गत सिकंदरपुर सरोसी ब्लॉक के पिपरी गांव निवासी ज्ञानू मिश्रा हैं। जो कई वर्षों से आधुनिक खेती कर रहे हैं। हर साल लाखों की आमदनी कर रहे हैं, इतना ही नहीं कई लोगों को रोजगार देकर उनके परिवार का भरण पोषण भी कर रहे हैं। किसान की सफलता को देखते हुये तत्कालीन जिलाधिकारी उन्हें सम्मानित भी कर चुके हैं।
सिकंदरपुर सरोसी ब्लॉक के पिपरी गांव निवासी ज्ञानू मिश्रा अस्सी बीघे के कास्तकार हैं। उनके पास खुद की तीस बीघे से अधिक भूमि है। इसके अलावा वह लीज पर जमीन लेकर खेती किसानी का काम करते हैं। कम समय में अधिक से अधिक फसलों की पैदावरी करने के लिये ज्ञानू आधुनिक और वैज्ञानिक पद्धति अपना रहे हैं।'
इसके लिये वह कृषि विभाग के वैज्ञानिकों और जानकारों से जानकारी भी लेते हैं। जिसके बाद वह वैज्ञानिकों द्वारा बताये गये तरीके के अनुसार ही फसल बोते हैं। किसी भी मौसम में उनके खेत खाली नहीं रहते हैं। वह खेतों में मक्का, सरसो, गेंहू, मटर, धान, आलू के अलावा अन्य फसनों को आधुनिक पद्धति अपनाकर कम समय में तैयार कर रहे हैं। अभी पंद्रह बीघे फसल में गेंहू बो रखा है।
आधुनिक तरीके से बो रहे हैं शुगर फ्री आलू
किसान ज्ञानू मिश्रा चालीस बीघे जमीन में आलू की फसल बोते हैं। जिसमें सबसे अधिक शुगर फ्री आलू की बुआई करते हैं। मौसम अनुकूल होने के साथ ही आधुनिक प्रक्रिया से समय से पहले फसल तैयार हो जाती हैं और आस पास जिलों में आवक होती है।
आधुनिक तरीके से इन फसलों को करते हैं पैदा
किसान ज्ञानू ने बताया कि अस्सी बीघे जमीन में वह चलीस बीघे चिप्सोना आलू (शुगर फ्री), आठ बीघे मटर, सरसो पांच बीघे, धान पंद्रह बीघा, गेंहू पंद्रह बीघा में अन्य फसले पैदाकर बाजार में बेचते हैं।
तत्कालीन डीएम ने किया सम्मानित
आधुनिक तरीके से खेती करने वाले ज्ञानू मिश्रा को तत्कालीन डीएम विजय किरण आनंद ने उन्हें सम्मानित किया था। इसके साथ ही उनके कृषि की सराहना भी की थी।
तीस परिवारों को दे रहे हैं रोजगार
किसान ज्ञानू मिश्रा के पास बीस महिलाएं काम करती हैं। इसके साथ ही दस पुरूषों को भी रोजगार दे रखा है। जिससे ऐसे परिवारों का रोजगार उनकी खेती किसानी के सहारे चल रहा है।
रसायनिक खाद का कम करते हैं प्रयोग
कृषि विभाग के वैज्ञानिकों की सलाह लेकर किसान ज्ञानू मिश्रा अपनी खेती में रसायनिक खाद का कम प्रयोग करते हैं। उन्होंने बताया कि वह फसलों में जैविक खाद, गोबर खाद, हरी खाद का प्रयोग करते हैं। जिससे फसले तेजी से तैयार होती है।
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