बाराबंकी: अफसरों की चौखट से तो हट गए गलत संकेतक, इन मार्गों पर लगे 'आब्जेक्ट हेजार्ड' पर कब जाएगा विभाग का ध्यान?

अमृत विचार की खबर से हटे थे गलत संकेतक, अभी भी कई स्थानों पर विराजमान

बाराबंकी: अफसरों की चौखट से तो हट गए गलत संकेतक, इन मार्गों पर लगे 'आब्जेक्ट हेजार्ड' पर कब जाएगा विभाग का ध्यान?

बाराबंकी। सड़क हादसों को रोकने को लेकर हाईवे पर पीडब्लूडी द्वारा गलत संकेतक आब्जेक्ट हेजार्ड लगा दिए गए थे। ब्लैक स्पॉट से लेकर मुख्य चौराहा हो या फिर अफसरों की चौखट तक इनको लगाया गया। इसकी खबर अमृत विचार ने दो जनवरी के अंक में प्रमुखता से पीडब्लूडी को नहीं यातायात का ज्ञान, इनकी मानें तो जा सकती है जान शीर्षक से प्रकाशित की थी। इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया।

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जिलाधिकारी ने इसको लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता को फटकार लगाई। इसके बाद आनन-फानन में जिम्मेदारों ने जिला जज के आवास, नवाबगंज तहसील व पटेल तिराहें समेत कई स्थानों पर लगाए गए गलत आब्जेक्ट हेजार्ड को हटाने के बाद नए लगा दिए।

मगर, अभी भी रामनगर तिराहे के पास स्थित बडेल रजबहा , मेयो हास्पिटल, असेनी के दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र व एआरटीओ कार्यालय के समीप पुलिया पर गलत संकेतक लगे है।  इन स्थानों पर लगे गलत आब्जेक्ट हेजार्ड पर जिम्मेदारों ने समय से ध्यान देकर सही नहीं किया तो इस कोहरे में बड़ा हादसा होने की संभावना बनी है।  

राजधानी से सटे बाराबंकी में लखनऊ- अयोध्या हाईवे पर शहर के कुरौली चौराहा और असेनी मोड को ब्लैक स्पॉट दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र घोषित किया गया है। इसके बावजूद यहां पर आब्जेक्ट हेजार्ड गलत लगा दिए गए। इतना नहीं नही डीएम आवास के सामने जहां आब्जेक्ट हेजार्ड सही लगाया गया है।

वहीं पर नवाबगंज तहसील और जिला जज आवास और नगर कोतवाली के सामने गलत लगा दिया गया।  पटेल चौराहे पर 24 घंटे यातायात पुलिस मौजूद रहती है। इसके बावजूद यहां पर लगे गलत आब्जेक्ट हेजार्ड पर किसी की नजर नहीं पड़ी। रामनगर तिराहे पर और कुरौली नहर के पास भी इस तरह से आब्जेक्ट हेजार्ड को गलत लगाया गया है।

उसके अनुरूप चले तो सीधे नहर और माइनर में गिरने से कोई नहीं रोक सकता। नगर कोतवाली के पास तो कई बार डंपर व वाहन डिवाइडर पर चढ़ने से दुर्घटनाएं भी हुई। इसकी खबर प्रकाशित होने के बाद हरकत में आए लोकनिर्माण विभाग ने जिला जज आवास, पटेल तिराहा, नवाबगंज तहसील और कोतवाली के समीप आब्जेक्ट हेजार्ड बदलकर नए लगा दिए गए। जबकि अधिकांश स्थानों पर अभी भी इनकों बदला नहीं जा सका है।

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