मामा रास्ते में मारते है...बच्चों से मिलने नहीं देते, तीन साल से बिछड़ा हूं, सुसाइड नोट लिखकर कानपुर में युवक ने दी जान
कानपुर, अमृत विचार। मेरी आत्महत्या करने में मेरे घर वालों का दोष नहीं है। मामा रास्ते में मारते हैं नाम सुनील, अनिल, घशवेंद्र बाबूजी, रविंद्र, विकास जुगराजपुर के हैं। बच्चों से नहीं मिलने देते हैं…इसलिए कदम उठाया…मैं मनीष।
अपने बच्चों से तीन साल से बिछड़ा चल रहा मनीष ने पिटाई से आहत होकर सुसाइड नोट लिखा। पुलिस और फोरेंसिक घटना की जांच कर रही है। गंभीर आरोप है, कि पत्नी मामा के पास रहती है, वहीं बच्चे ननिहाल में तीन साल से है।
सचेंडी थानाक्षेत्र के छीतेपुर निवासी 30 वर्षीय मनीष पेंटिंग का काम करता था। वर्ष 2014 में उसकी शादी आशा निवासी गांव सीढी से हुई थी। जिससे उसके तीन बच्चे शेजल, आयुषी और विवान है। परिवार में मां कृष्णा और भाई आशीष व सतीश हैं। उन लोगों ने बताया कि वर्ष 2021 में आशा मनीष को छोड़कर चली गई थी।
आरोप है, कि वह जुगराजपुर में रहने वाले मामा के पास रहती थी। वहीं तीनों बच्चे सीढी में ननिहाल में रहने लगे थे। परिजनों ने आरोप लगाया कि इस बीच मामला न्यायालय में विचाराधीन है। आरोप है, कि मनीष पत्नी से मिलने जाता था तो मामा और उसके साथी मिलकर उसे मारते पीटते थे।
वह जब भी बच्चों से मिलने की बात कहता था तो उसकी सास मिलने नहीं देती और मोबाइल फोन से दिखाती थी। इस पर वह छटपटाकर रह जाता था। आरोप है, कि गुरुवार देर रात उसने कमरे में सुसाइड नोट लिखा इसके बाद तकरीबन देर रात 1 बजे के बाद पंखे के कुंडे से मफलर के सहारे फांसी लगाकर जान दे दी।
सुबह जब वह काफी देर तक बाहर नहीं आया तो घटना की जानकारी हो सकी। सूचना पर पहुंची पुलिस और फोरेंसिक ने घटना की जांच कर सुसाइड नोट जांच के लिए भेजा है। सचेंडी प्रभारी निरीक्षक दिनेश सिंह बिष्ट ने बताया कि परिजनों की तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
घटना की तस्वीरें देखिये...