हल्द्वानी: साहब को सैल्यूट, फिर भी नहीं गल रही जुगाड़बाजों की दाल

हल्द्वानी: साहब को सैल्यूट, फिर भी नहीं गल रही जुगाड़बाजों की दाल

हल्द्वानी, अमृत विचार। नैनीताल जिले के एसएसपी बनने के बाद प्रह्लाद नारायण मीणा ने उनकी कुर्सी भी हिलाई जो लंबे समय से एक ही थाने और चौकियों में डटे थे। उन्हें भी अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा जो पूर्व एसएसपी के सबसे भरोसेमंद हुआ करते थे। ताबड़तोड़ तबादलों के बीच पुरानी ठौर तलाशने के लिए अब जुगाड़बाज साहब को सैल्यूट कर रहे हैं। राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल भी कर रहे हैं, लेकिन जुगाड़बाजों की दाल नहीं गल रही। सबसे ज्यादा सिफारिशें एसओजी के लिए लगाई जा रही हैं।

रिवर व्यू रिसॉर्ट के कैसीनो कांड के कुछ दिन बाद एसओजी को भंग कर दिया गया। एसओजी प्रभारी रहे एसआई राजवीर नेगी को काठगोदाम थाना भेज दिया और सिपाहियों को जिले के विभिन्न थानों से अटैच कर दिया गया। काफी दिन तक यह कुर्सी खाली रही और फिर अचानक एसआई विजय पाल को एसओजी का इंचार्ज बना दिया गया, लेकिन टीम नहीं दी गई।

कहा गया कि वह प्लान तैयार करें और कुछ करके दिखाएं। लगभग एक माह बाद अचानक विजय से भी चार्ज छीन लिया गया और उन्हें हल्द्वानी कोतवाली से अटैच कर दिया गया। इसके बाद बैलपड़ाव चौकी प्रभारी अनीस अहमद को एसओजी का प्रभारी बना दिया गया, लेकिन टीम उन्हें भी अभी तक नहीं दी गई है। 

जाहिर है कि एसओजी में टीम तैयार की जाएगी और इस टीम का हिस्सा बनने के लिए लोग बेताब हैं। सूत्रों का कहना है कि टीम में रह चुके कुछ पुराने लोग कई बार साहब के सामने सैल्यूट ठोंक चुके हैं, लेकिन बात नहीं बनी। सिफारिशें राजनीतिक व्यक्तियों से भी लगाई जा रही है, लेकिन सिफारिशों से भी दाल गलती नजर नहीं आ रही है। बता दें कि एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि जो काम करेगा वो ही चार्ज पर रहेगा। 

साहब कहते थे तुम आओगे या मैं आऊं
हल्द्वानी : प्रह्लाद के राज के लोगों को सुधरने का मौका दिया गया और बड़ी जिम्मेदारी सौंप कर खुद को साबित करने का मौका भी मिला, लेकिन आदत है कि छूटी नहीं। सूत्रों का कहना है कि मौका मिलते ही ये साहब खुद ही लोगों को फोन कर बुलाने लगे। कहने लगे कि तुम आओगे या फिर मैं आऊं। इसी के बाद मौका हाथ से निकल गया और कुर्सी भी। 

आधी रात में नहीं चलता कोई जोर-जुगाड़
हल्द्वानी : पुलिस महकमे में इस वक्त हलचल मची है और तू डाल-डाल, मैं पात-पात वाली बात चल रही है। हालांकि बात सिर्फ कप्तान की ही चल रही है। कप्तान को भी ये पता है कि लोग जोर-जुगाड़ में लगे और ये जोर-जुगाड़ न चले इसलिए गोपनीय तरीके से तबादले हो रहे हैं। अभी तक जो भी तबादले हुए वो लगभग आधी रात हुए। ऐसे में जुगाड़ नहीं चल पाया।  

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