लखनऊ: 13 बड़े शहरों में कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने की याचिका खारिज

लखनऊ, अमृत विचार। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखनऊ और गौतम बुद्ध नगर के अलावा 14 और शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किये जाने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता के तहत यह विषय पूरी तरह से राज्य सरकार के विवेक के आधीन …
लखनऊ, अमृत विचार। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखनऊ और गौतम बुद्ध नगर के अलावा 14 और शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किये जाने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता के तहत यह विषय पूरी तरह से राज्य सरकार के विवेक के आधीन है। इसमें कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्ता अभिषेक तिवारी की याचिका पर पारित किया। याचिका में कहा गया था कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 8 के तहत दस लाख या इससे अधिक के जनसंख्या वाले शहरों को मेट्रोपॉलिटन शहर मानते हुए, कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने का प्रावधान है।
इसके साथ ही ऐसे शहरों में धारा 16 व 17 के तहत चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट व एडीश्नल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जानी चाहिए। याची का कहना था कि लखनऊ और गौतम बुद्ध नगर के अलावा कानपुर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, बरेली, गाजियाबाद, अयोध्या, मथुरा, गोरखपुर, झांसी, मुरादाबाद व सहारनपुर की जनसंख्या दस लाख से अधिक है।
लिहाजा इन सभी शहरों में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने व चीफ और एडीश्नल मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की नियुक्ति किए जाने का आदेश राज्य सरकार को दिया जाए। न्यायालय ने याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा कि धारा 8 मात्र मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र की व्याख्या करती है, यह राज्य सरकार पर इस प्रकार कोई दायित्व नहीं अधिरोपित करती।
न्यायालय ने कहा कि किसी क्षेत्र को मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र घोषित करना पूरी तरह राज्य सरकार के विवेक के आधीन है। न्यायालय ने ऐसी याचिका दाखिल करने को पब्लिसिटी स्टंट करार देते हुए, कोर्ट का समय खराब करने के लिए याची की आलोचना भी की।