बरेली: सांस संबंधी जटिल संक्रमण से ग्रसित मरीजों की होगी निगरानी, जांच को लखनऊ भेजे जाएंगे सैंपल

शासन ने जारी किया अलर्ट, माइक्रो प्लाज्मा निमोनिया के लक्षण वाले मरीजों पर नजर

बरेली: सांस संबंधी जटिल संक्रमण से ग्रसित मरीजों की होगी निगरानी, जांच को लखनऊ भेजे जाएंगे सैंपल

बरेली, अमृत विचार। कोरोना ने शरीर के कई अंगों पर प्रभाव डाला है। अब आम संक्रमण की गिरफ्त में आने के बाद लोगों की हालत खराब हो रही है। चीन में सांस संबंधी रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसको लेकर केंद्र सरकार ने अलर्ट जारी किया है। सांस के जटिल संक्रमण वाले मरीजों की निगरानी की जाएगी। हालांकि, देश में अभी सांस संबंधी जटिल संक्रमण से ग्रसित मरीज का कोई नया मामला सामने नहीं आया है, लेकिन शासन स्तर से स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है।

शासन के आदेश के बाद सीएमओ ने आईडीएसपी को अलर्ट कर मरीजों को ट्रेस करने का आदेश दिया है। आईडीएसपी की ओर से जिले के समस्त निजी और सरकारी अस्पतालों को नोटिस जारी कर श्वसन संबंधी संक्रमण यानी सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एसएआरआई) और इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) से ग्रसित मरीजों की जानकारी आईडीएसपी को उपलब्ध कराने को कहा गया है। आईडीएसपी के अनुसार जिस मरीज में इन दोनों संक्रमण के संभावित लक्षण होंगे, उनकी आरटी-पीसीआर जांच के लिए सैंपल लखनऊ भेजा जाएगा।

बच्चे और बुजुर्ग रहें सावधान
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अनुपम शर्मा के अनुसार कोविड के बाद से अन्य संक्रमण अधिक प्रभावी हुए हैं, माइक्रो प्लाज्मा एक तरह का फंगस है, जो मरीज लगातार स्टेरायड और एंटी बायोटिक का सेवन कर रहे हैं उनको खतरा अधिक है। इससे ग्रसित होकर वह गंभीर निमोनिया से ग्रसित हो सकते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद ही कोई दवा लें। इस संक्रमण से बुजुर्ग और बच्चों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है, ऐसे बुजुर्ग जो कि को-मॉर्बिड यानी गंभीर बीमारियों से पहले से ग्रसित हैं, वह बचाव रखें और बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के चलते परिजन सजग रहें।

ऐसे करें बचाव
नियमित रूप से अपने हाथ धोएं, मास्क का इस्तेमाल करें, संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से बचें, अपने आसपास अच्छा वेंटिलेशन सुनिश्चित करें, बीमार होने या लक्षण नजर आने पर घर पर ही रहें, जरूरत पड़ने परीक्षण और डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

शासन से निर्देश मिलने के बाद आईडीएसपी को अलर्ट कर दिया गया है। वहीं सरकारी और निजी अस्पतालों को एसएआरआई और आईएलआई के लक्षण वाले मरीजों की निगरानी कर रिपोर्ट देने को कहा गया है- डॉ. विश्राम सिंह, सीएमओ।

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