मुरादाबाद: अन्न के मामले में यूपी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा

किसानों को बिचौलियों के चंगुल से बचाकर सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाना प्राथमिकता

मुरादाबाद: अन्न के मामले में यूपी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा

साक्षात्कार: अटल कुमार राय विशेष सचिव, खाद्य एवं रसद विभाग

विनोद श्रीवास्तव, मुरादाबाद, अमृत विचार। प्रदेश सरकार धान खरीद में पारदर्शिता के लिए हर उपाय कर रही है। किसानों को बिचौलियों के चंगुल से बचाकर सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाना  प्राथमिकता है। प्रदेश में धान खरीद लक्ष्य को हासिल कराने के लिए शासन के विशेष सचिव खाद्य एवं रसद विभाग (अपर आयुक्त खाद्य) अटल कुमार राय मुरादाबाद संभाग के जिलों के भ्रमण पर आए थे। शुक्रवार को सर्किट हाउस सभागार में समीक्षा बैठक के बाद अमृत विचार से बातचीत में उन्होंने खरीद, भंडारण, किसानों को भुगतान आदि पर विस्तार से जानकारी दी।

प्रस्तुत है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश:-
सवाल: मुरादाबाद संभाग में अभी तक धान खरीद सरकार की उम्मीद के अनुरूप नहीं है। इसे बढ़ाने के लिए क्या उपाय कराएंगे? 
जवाब: लक्ष्य के अनुरूप धान खरीद प्राथमिकता है। अधिकारियों को नेपोलियन बोनापार्ट से सीख लेनी होगी। हर दिन महत्वपूर्ण है। नेपोलियन हर दिन एक दो देश जीत लेता था। इससे सीख लेकर धान खरीद में नीयत सही रखकर उत्साह से अपना कर्तव्य निभाएं, जिस प्रकार अपना निजी काम उत्साह के साथ करते हैं उसी अनुरूप जीविका का जो साधन है, उसमें भी जज्बा दिखाएं।

सवाल: यूपी दूसरे राज्यों के भरोसे पीडीएस चला रहा है। प्रदेश में अनाज का भंडारण बढ़ाने के लिए किस प्रकार के प्रयास की जरूरत है?
जवाब: अब स्टेट पूल नहीं, सेंट्रल पूल में खरीद होती है, फिर भी हमें उत्तर प्रदेश को अन्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा। सरकार की प्राथमिकता पारदर्शिता के साथ धान, बाजरा, गेहूं खरीद की है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिलाना सभी की जिम्मेदारी और जवाबदेही है।

सवाल: मुरादाबाद संभाग में धान खरीद की प्रगति 25 प्रतिशत ही है, जबकि खरीद सत्र के लगभग दो महीने पूरे होने वाले हैं। ऐसे में लक्ष्य कैसे हासिल होगा?
जवाब: गेहूं खरीद कम होने से धान खरीद का लक्ष्य हासिल करने या फिर उससे आगे निकलने के लिए क्रय केंद्र पर व्यवस्था होनी चाहिए। किसानों से संपर्क बढ़ाने की जरूरत है। प्रदेश के किसानों को एमएसपी का लाभ दिलाना सरकार की मंशा है। धान खरीद में प्रदेश का लक्ष्य 70 लाख मीट्रिक टन है। अब तक की खरीद में बरेली के बाद मुरादाबाद का स्थान है। मुरादाबाद लखनऊ, गोरखपुर आदि संभागों से आगे है।

सवाल: सरकारी क्रय केंद्रों पर धान, गेहूं बेचने वाले किसानों को भुगतान के लिए भटकना पड़ता है, वह सरकारी केंद्र पर आने में हिचकता है, भुगतान में सुधार कैसे संभव है?

जवाब: लक्ष्य के अनुरूप धान खरीद और किसानों को समय से भुगतान दोनों के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसमें कोई समझौता नहीं होगा, आधार से जुड़े बैंक खाते में 72 घंटे के भीतर भुगतान सुनिश्चित करा रहे हैं, जो अड़चन होगी वह दूर कराई जाएगी।

सवाल: पारदर्शी तरीके से धान खरीद, समय से भुगतान, ई-पाश मशीन पर अंगूठा लगवाकर बायोमेट्रिक सत्यापन कराकर खरीद कराने के सभी उपायों के बाद भी हर साल सरकारी खरीद तंत्र पर सवाल उठता है, भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं। ऐसे में सरकार और विभाग की छवि में सुधार किस प्रकार होगा?
जवाब: उत्तर प्रदेश में धान, गेहूं खरीद की प्रक्रिया पारदर्शी और पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों से बेहतर है। पूरे देश में आइडियल क्रय प्रणाली यूपी की है। कुछ लोगों की वजह से पारदर्शिता पर उंगलियां उठती हैं। ऐसे अधिकारी और लोग चिह्नित किए जा रहे हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई भी होगी। 2024 में ई वेईंग प्रणाली से खरीद प्रदेश में शुरू होगी।

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