Chhath Puja 2023: आज शाम से डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी सुहागिनें, घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया

कानपुर में आज शाम से डूबते सूर्य को सुहागिनें अर्घ्य देंगी।

Chhath Puja 2023: आज शाम से डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी सुहागिनें, घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया

कानपुर में आज शाम से डूबते सूर्य को सुहागिनें अर्घ्य देंगी। घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया। मालिनी अवस्थी भी सुनाएंगी लोकगीत।

कानपुर, अमृत विचार। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर रविवार को छठ पूजन को घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ेगा। लाखों श्रद्धालु छठ मइया का पूजन करेंगे और अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देंगे। शनिवार को खरना पर खीर खाकर सुहागिनों 36 घंटे निर्जला व्रत की शुरुआत की। इस दौरान घरों में छठ मइया की महिमा वाले गीत गाए गए। संतान की दीर्घायु और समृद्धि की कामना के साथ महिलाएं भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगी।

अपराह्न तीन बजे से ही छठ पूजन घाटों पर श्रद्धालुओं भीड़ उमड़ने लगेगी । नंगे पांव ही महिलाएं घाटों पर पहुंचेंगी और स्कंद माता (छठी मइया) की महिमा वाले लोकगीत गाकर उन्हें प्रसन्न करेंगी। व्रती महिलाएं सर्वप्रथम वेदी का पूजन करेंगी फिर दीप- धूप आदि से मां का पंचोपचार पूजन करेंगी। कमर तक जल में खड़े होकर भगवान भुवन भास्कर को अर्घ्य देंगी। पुरुष भी अर्घ्य देंगे और पद, प्रतिष्ठा व ऐश्वर्य की कामना करेंगे। 

शनिवार को गन्ने के रस से बनी खीर का सेवन कर सुहागिनों ने 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत की। अब यह व्रत सोमवार को उदय होते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होगा। घरों में रंगोली बनाई गई। दीप जलाए गए। डलिया में फल, फूल, विभिन्न तरह की सब्जियों को सजाया गया। छठ मइया की महिमा से जुड़ी कथाएं भी घरों में हुई। छठ मइया की महिमा का बखान देर रात तक होता रहा।

अब षष्ठी तिथि पर रविवार को संध्या अर्घ्य की तैयारी शुरू हो गई है। सुहागिनें नंगे पांव ही घाटों पर पहुंचेंगी। सुहागिनें जब अर्घ्य देकर लौटेंगी तो पूरी रात छठी मइया की कथा सुनेंगी। सूर्य देवता को अर्घ्य देने के लिए पनकी, अर्मापुर, सरसैया घाट, गोला घाट, सीटीआइ नहर घाट, शास्त्री नगर, नमक फैक्ट्री चौराहा स्थित ग्रीन बेल्ट में तैयारियां पूरी हो गई हैं। घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया है। पनकी नहर पर आयोजित कार्यक्रम में मालिनी अवस्थी छठी मइया की महिमा के गीत सुनाएंगी। 

देर रात तक सजाए गए घाट

सीटीआई नहर, पनकी व अर्मापुर नहर, गुजैनी व दबौली समेत विभिन्न जगहों पर छठ पूजा स्थलों को देर रात तक सजाया गया। पनकी स्थित शिव मंदिर की खूबसूरती देखते ही बन रही थी। झिलमिलाती और जलती बुझती झालरें लोगों के आकर्षण का केंद्र रहीं। ऐसा लग रहा था मानों असंख्य तारे आसमान से जमीं पर उतर आएं हों छठ मइया के पूजन के लिए। घाटों पर बैरीकेडिग भी लगा दी गई है। पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई है ताकि किसी तरह की कोई अप्रिय वारदात न हो। अर्मापुर नहर स्थित सूर्य देवता मंदिर को भी आकर्षक ढंग से सजाया गया है।

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