इविवि में छात्रों को मिलेंगी भगवत गीता, रामायण उपनिषदों की शिक्षाएं, बीबीए-एमबीए के सिलेबस में किया गया शामिल

इविवि में छात्रों को मिलेंगी भगवत गीता, रामायण उपनिषदों की शिक्षाएं, बीबीए-एमबीए के सिलेबस में किया गया शामिल

प्रयागराज। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र अब भगवान श्री कृष्ण से प्रबंध कौशल की शिक्षा लेंगे। कॉमर्स डिपार्टमेंट के 5 साल के एकीकृत कोर्स में बीबीए-एमबीए में यह पाठ्यक्रम  शामिल है। इस पाठ्यक्रम में भागवत गीता, रामायण उपनिषदों की शिक्षाओ को शामिल किया गया है। विश्वविद्यालय के इस विभाग ने 26 छात्रों के साथ पाठ्यक्रम को शुरू किया है ।  जिसमें 10 सेमेस्टर और यह 220 क्रेडिट के होंगे।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रबंधन की पढ़ाई करने वाले छात्र अब विश्व के सबसे बड़े मैनेजमेंट गुरु माने जाने वाले भगवान श्रीकृष्णा की कौशल गुर सीखेगे। बता दें कि मल्टीप्ल एंट्री, एग्जिट सिस्टम को इसमें लागू किया जाना है। इसका मतलब है कि यदि कोई पहले साल की पढ़ाई को छोड़ देता है तो उसे पहले साल का प्रमाणपत्र और दूसरे साल में डिप्लोमा और तीसरे वर्ष में बीबीए की डिग्री और पांचवें साल में एमबीए की मिलेगी प्राप्त करेंगे।

पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्टार्टअप मैनेजमेंट को भी शामिल किया गया है। साथ ही कॉमर्स विभाग के 5 साल के एकीकृत बीबीए -एमबीए पाठ्यक्रम में भागवत गीता रामायण उपनिषद की शिक्षाएं भी शामिल किया है। इसके साथ ही चाणक्य भी इस प्रबंधन छात्रों को सफलता की राह दिखाने में मददगार होंगे। 

प्रबंधन के छात्र पहली बार जेआरडी टाटा, अजीम प्रेमजी, धीरूभाई नारायण, नारायण मूर्ति सुनील मित्तल और बिरला जैसे शीर्ष उद्योगपतियों के स्मार्ट प्रबंधकीय निर्णयों का अध्ययन भी कराया जायेगा। इसके अलावा उन्हें अष्टांग योग की भी शिक्षा दी जाएगी।

बता दें कि छात्रों को भारतीय प्रबंध प्रचार और प्रथाओं के पेपर में आध्यात्मिकता और प्रबंध लोकाचार, अष्टांग, अष्टांग योग, मानवी मूल्य और प्रबंध जीवन का सभी दृष्टिकोण और ध्यान और तनाव आदि के बारे में बताया जाएगा इसके साथ विषय का पारंपरिक अध्ययन तो होगा। 

इसमें इंडियन मैनेजमेंट थॉट एंड प्रैक्टिसेज विषय में भगवान श्री कृष्ण की भगवद गीता के साथ ही रामायण, उपनिषद और चाणक्य नीति पढ़ाई जाएगी। ताकि मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राएं प्राचीन भारत के मैनेजमेंट स्किल को भी जान सकें। कॉमर्स विभाग के एचओडी प्रो आरएस सिंह के मुताबिक भगवद गीता सबसे प्राचीन मैनेजमेंट शास्त्र है जिसका ज्ञान होना बेहद जरूरी है।

उनके मुताबिक पहली बार स्टूडेंट्स बड़े उद्योगपतियों के स्मार्ट मैनेजेरियल डिसीजंस और स्किल्स के बारे में भी पढ़ेंगे। इसमें उद्योगपति जेआरडी टाटा, अजीम प्रेमजी, धीरूभाई अंबानी, एन आर नारायण मूर्थी, सुनील मित्तल और बिरला जैसे औद्योगिक घरानों के बारे में उन्हें पढ़ाया जाएगा। इससे कॉर्पोरेट के मुताबिक मैनपॉवर तैयार हो सकेगा।

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