रामपुर : आजम, अब्दुल्ला और डॉ. तजीन का नहीं हो सका कोरोना टेस्ट
परिजनों से मिलने के लिए बड़े बेटे अदीब ने जिला कारागार प्रशासन को दिया प्रार्थना पत्र, जेल में आजम खां का कैदी नंबर 338, अब्दुल्ला आजम का 339 और तजीन का 340

रामपुर, अमृत विचार। सपा नेता आजम खां, अब्दुल्ला आजम और डा. तजीन फात्मा का शुक्रवार को भी कोरोना टेस्ट नहीं हो सका। अब शनिवार को कोरोना टेस्ट होने की उम्मीद जताई है। हालांकि तीनों सामान्य तरह से अस्थायी बैरक में रह रहे हैं।
सपा नेता आजम खां, बेटे अब्दुल्ला आजम और डॉ. तजीन फात्मा पर विधायक आकाश सक्सेना ने मुकदमा दर्ज कराया था। 18 अक्टूबर को तीनों को सात-सात साल की सजा हुई। कोर्ट ने तीनों को जिला कारागार में भेज दिया था। कोरोना टेस्ट नहीं होने के कारण तीनों अस्थायी जेल में बंद हैं। शुक्रवार को भी कोरोना टेस्ट नहीं हो सका। अब शनिवार को होने की उम्मीद जगी है। इसके अलावा तीसरे दिन आजम खां के बड़े बेटे अदीब आजम ने मिलाई के लिए शुक्रवार को प्रार्थना पत्र दिया।
जिसको मंजूर कर दिया गया, लेकिन उसके बाद भी वह मिलने नहीं पहुंचे। आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खां करीब 30 बंदियों के साथ बैरक नंबर एक में रह रहे हैं। जबकि तजीन फात्मा महिला बंदियों के साथ रह रही हैं। इसके अलावा आजम खां सहित तीनों को समान्य बंदियों की तरह खाना खाने के लिए बर्तन दिए गए हैं। जिसमें वह खाना खाते हैं। जेल में आजम खां का कैदी नंबर 338, अब्दुल्ला आजम का 339 और तजीन फात्मा का 340 कैदी नंबर है।
तीन दिन से डा. तजीन से पिता-पुत्र की नहीं हुई मुलाकात
18 अक्टूबर को आजम खां के परिवार को जिला कारागार में शिफ्ट किया गया था। उसके बाद तीनों लोग एक साथ गए थे, लेकिन उसके बाद करीब दो दिन बीत गए हैं तब से तजीन फात्मा से बेटे और पति की मुलाकात नहीं हुई है। सूत्रों की मानें तो ऐसा माना जा रहा है कि डॉ. तजीन फात्मा कुछ तनाव में चल रही हैं।
स्वास्थ्य खराब होने पर कराया जा रहा उपचार
जिला प्रशासन का कहना है कि आजम खां और उनकी पत्नी डा. तजीन फात्मा का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। डा. तजीन के एक दो आपरेशन भी हो चुके हैं। उनका डाक्टरों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। कोई भी परेशानी आने पर जिला कारागार प्रशासन दवा उपलब्ध करा रहा है।
किसी भी सपाई ने नहीं जताई आजम खां से मिलने की इच्छा
आजम खां पत्नी और बेटे के साथ 18 अक्टूबर को सजा हो जाने के कारण शाम को जेल चले गए थे। इस दौरान उनके समर्थक उनके आगे पीछे आजम खां जिदांबाद के नारे लगाते हुए घूम रहे थे, लेकिन आजम खां को दो दिन से ज्यादा का समय बीत जाने के कारण किसी भी समर्थक ने उनसे मिलने की इच्छा जाहिर नहीं की है। जिला कारागार प्रशासन के पास केवल बड़े बेटे अदीब आजम ने प्रार्थना पत्र दिया था। इससे साफ जाहिर होता है कि अब सपाई भी मिलने के इच्छुक नजर नहीं आ रहे हैं।
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