लखनऊ: लापरवाही पर चकबंदी अधिकारी समेत तीन निलंबित, एक बर्खास्त, हड़कंप

लखनऊ। चकबंदी संबंधी मामलों के निपटारे में लेटलतीफी, लापरवाही, अनियमितता पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख के बाद एक के बाद एक लापरवाह अधिकारियों पर गाज गिरने का सिलसिला है। इसी क्रम में राजस्व आयुक्त ने शुक्रवार को काम में शिथिलता बरतने पर एक चकबंदी अधिकारी, दो बंदोबस्त अधिकारी को निलंबित कर दिया है जबकि चकबन्दी अधिकारी सम्प्रति सहायक चकबन्दी अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई करने के साथ बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं अनियमितता पर दो चकबन्दी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी है।
चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने चकबंदी कार्यों में शिथिलता बरतने एवं मानक के अनुसार काम न करने पर बलिया, सीतापुर के बंदोबस्त अधिकारी अनिल कुमार और सन्तोष कुमार को निलंबित कर विभागीय कार्यवाही के लिए शासन को पत्र लिखा है। इसी तरह मानक के अनुसार कार्य न करने एवं शिथिलता बरतने पर मऊ के चकबंदी अधिकारी अशफाक आलम अंसारी को निलंबित कर विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की गयी है।
इसी तरह तत्कालीन चकबंदी अधिकारी सम्प्रति सहायक चकबन्दी अधिकारी कामता प्रसाद को सिद्धार्थनगर के ग्राम गढावर में शासकीय भूमि को क्षति पहुंचाने में दोषी पाये जाने विभागीय कार्यवाही की संस्तुति के साथ आरोप सिद्ध होने पर बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं, चकबंदी अधिकारी, अलीगढ़ बृजेश कुमार शर्मा व महराजगंज ऐश मुहम्मद को चकबन्दी क्रियाओं के दौरान गम्भीर अनियमितता पर दो पर एफआईआर दर्ज करायी गयी है।
अब एक से डेढ़ वर्ष हो जाएंगे चकबंदी के काम
मामले पर जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव सुधीर गर्ग ने बताया कि चकबंदी विभाग को पारदर्शी और जन सामान्य के प्रति उत्तरदायी बनाने के उद्देश्य से चकबन्दी प्रक्रिया में गुणात्मक सुधार के निर्देश दिये गये हैं। इससे चकबन्दी प्रक्रिया में लगने वाला समय तीन से पांच वर्ष से घट कर एक से डेढ़ वर्ष हो जाएगा। ऐसे में चकबंदी प्रक्रिया को पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत करते हुए इसके लिए कार्यदायी संस्था को चयनित तथा कम समय में पूरी पारदर्शिता और जन सहभागीदारी के साथ चकबंदी कार्य पूरे करने को कहा गया है।
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