रामपुर : ऑनलाइन शॉपिंग ग्राहक की जेब पर डाल रही डाका
ग्राहक और दुकानदार के रिश्तों को खत्म कर रही ऑनलाइन खरीदारी, ऑनलाइन शॉपिंग में खराब गुणवत्ता का माल होता सप्लाई, लॉकडाउन जैसी विषम परिस्थियों में दुकानदार ही आए काम

साहूकारा सर्राफा कमेटी के पदाधिकारी अपनी दिक्कतों को साझा करते हुए।
रामपुर, अमृत विचार। एक तरफ जहां ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज बढ़ रहा है तो वहीं व्यापारी इससे त्रस्त होता जा रहा है। ऑनलाइन ठगी के मामलों में भी तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। व्यापारियों का मानना है कि ऑनलाइन शॉपिंग से ग्राहक की जेब पर डाका डल रहा है। अक्सर देखा गया है कि खराब गुणवत्ता का माल ही ऑनलाइन सप्लाई किया जाता है। जिसे रिटर्न करने पर रिफंड की भी गारंटी नहीं होती है।
बुधवार को शौकत अली रोड स्थित मंथन रेस्टोरेंट में साहूकारा सर्राफा कमेटी के पदाधिकारियों ने अमृत विचार के समक्ष अपनी परेशानियों को साझा किया। कमेटी के पदाधिकारियों का कहना था कि ऑनलाइन शॉपिंग से ग्राहक और दुकानदार के रिश्ते खत्म हो रहे हैं। जब लॉकडाउन जैसी विषम परिस्थिति आईं थी तब दुकानदार और आस पड़ोस के लोगों ने ही साथ दिया था।
ऑनलाइन खरीदारी करने पर दिखाया कुछ और जाता है और भेजा कुछ और जाता है। यह समस्या अब आम हो चुकी है। अगर, ऑनलाइन खरीदारी पर लोगों ने रोक नहीं लगाई तो दुकानदार भुखमरी की कगार पर आ जाएगा। इससे बेरोजगारी, करप्शन, लूटपाट आदि बढ़ेगा। अगर, खाने को रोटी नहीं होगी तो पेट भरने के लिए लोगों को गलत कदम उठाना पड़ेगा। इस मोनोपोली को तोड़ना ही पड़ेगा।
सोने-चांदी का भाव समय-समय पर बढ़ता है। ग्राहक को जितना छूट दुकानदार दे देगा उतना ऑनलाइन नहीं मिल सकती। अगर, मिल भी जाती है तो वहां गुणवत्ता के साथ समझौता करना पड़ता है। भले ही डिस्काउंट अधिक दे दिया जाए लेकिन मेकिंग चार्ज लगाकर ग्राहक लूट लिया जाता है। यही बात भोलाभाला ग्राहक नहीं समझ पाता है। - संजय पाठक, अध्यक्ष, साहूकारा सर्राफा कमेटी।
ग्राहक और दुकानदार एक परिवार का हिस्सा है। ऑनलाइन शॉपिंग में दुकानदार का कोई अता-पता नहीं। जब मंगाए हुए सामान में कोई खराबी आ जाती है तो इधर-उधर भटकना पड़ता है। जबकि दुकानदार अपने ग्राहक को पूर्ण रूप से संतुष्ट करता है। सोने-चांदी आदि किसी भी चीज की खरीदारी हमेशा दुकानदार से ही करनी चाहिए। - रवि प्रकाश, संरक्षक, साहूकारा सर्राफा कमेटी।
किसी भी काम में सबसे पहले व्यापारी वर्ग आगे आता है। चाहे वो धर्म-कर्म हो या फिर किसी अन्य को लेकर चंदा देना हो। लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग से व्यापारी त्रस्त हो गया, ऐसे में आने वाला समय हम दुकानदार के लिए बेहद खराब हो सकता है। इसलिए इस मोनोपोली को ग्राहकों को तोड़ना होगा। इसमें ग्राहक और दुकानदार दोनों का ही फायदा है। - प्रमोद अग्रवाल, उपाध्यक्ष, साहूकारा सर्राफा कमेटी।
एक्सपायर और खराब सामान ही ऑनलाइन परोसा जाता है। जो दीपक हम रेहड़ी पटरी वालों से 20 रुपये का खरीदते हैं, उसी दीपक की ऑनलाइन कीमत 80 रुपये होती है। त्योहारों पर छोटे दुकानदार ग्राहकों के भरोसे होते हैं, अगर यही खरीदारी ऑनलाइन की जाएगी तो दुकानदार खत्म हो जाएगा। एक दुकानदार की दुकान ही उसका श्रृंगार होती है। - मुकेश आर्या, उपाध्यक्ष, साहूकारा सर्राफा कमेटी।
ऑनलाइन खरीदारी में फोटो में आभूषण जितना सुंदर दिखते हैं असल में उतना होते नहीं हैं। काम में सफाई भी नहीं होती है। बाद में पंसद न आने पर ग्राहक को रिटर्न करने में भी कठिनाई आती है। इसलिए बेहतर होगा कि ग्राहक दुकानदार के समक्ष बैठकर सोने-चांदी के आभूषण परख कर खरीदे। इससे बाद में अगर गिरवी भी रखना पड़ जाए तो कठिनाई न हो। - राजीव लोचन, उपाध्यक्ष, साहूकारा सर्राफा कमेटी।
दुकानदार से आभूषण की खरीदारी के समय ग्राहक को दुकानदार अच्छी से अच्छी चीज दिखाता है। साथ ही गाइड भी करता है कि क्या बेहतर रहेगा। लेकिन ऑनलाइन में ऐसा नहीं। इधर, सरकार भी व्यापारियों के हित के बारे में नहीं सोच रही। दुकानदारों के लिए नियम कायदे कानून बनाए गए हैं, लेकिन ऑनलाइन खरीदारी में कोई नियम-कानून नहीं। - परितोष चांदी वाला, संरक्षक, साहूकारा सर्राफा कमेटी।
ऑनलाइन खरीदारी में नुकसान ही नुकसान है। एक तो गुणवत्ता के साथ समझौता दूसरा अगर कभी मुसीबत के समय उसे बेचना/गिरवी रखना पड़ जाए तो ऑनलाइन खरीदे हुए सामान पर दुकानदार जल्दी भरोसा नहीं करते। जबकि सोना-चांदी खरीदे ही बुरे वक्त में काम आने के लिए जाते हैं। इन सभी चीजों से अंजान होकर ग्राहक खरीदारी करता है, जिससे उसके साथ धोखा होता है। - शुभम सिंघल, सदस्य, साहूकारा सर्राफा कमेटी।
ऑनलाइन शॉपिंग में ग्राहक दुकानदार को जानता ही नहीं। ऊपरी चमक-धमक में आकर ग्राहक की जेब कट जाती है। ऑनलाइन खरीदे हुए सामान की विश्वसनीयता तो है ही नहीं। कई बार मंगाया कुछ जाता है और निकलता कुछ है। ऑनलाइन भी दुकानदारों से ही खरीदा जाता है। जब हमको बेचना और ग्राहक को लेना है तो ऑनलाइन जैसे बिचौलियों को बढ़ावा क्यों दिया जाए। खरीदारी सदैव दुकान से ही करें। - कमल शर्मा, सदस्य, साहूकार सर्राफा कमेटी।
ऑनलाइन व्यापार से देश गुलामी की ओर बढ़ रहा है। धीरे-धीरे दुकानदार खत्म होने की कगार पर आ गए हैं। ई-कॉमर्स कंपनियां मोटे मुनाफे के चक्कर में ग्राहक को लूट रही हैं, लेकिन यह बात ग्राहक नहीं समझ रहा। अगर, समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो एक समय बाद दुकानें खत्म हो जाएंगी। ग्राहकों को ऑनलाइन ही सब खरीदना पड़ेगा चाहें फिर वो गुणवत्ता में ही क्यों न खराब हो। - राजीव रस्तोगी, सदस्य, साहूकार सर्राफा कमेटी।
ई-कॉमर्स कंपनियां ग्राहकों का खून चूस रही हैं। आजकल दो-दो रुपये की मिलने वाली चीज ई-कॉमर्स साइटों पर 20-20 रुपये की बिक रही हैं। ग्राहक क्रेडिट कार्ड से टांजेक्शन कर खरीदारी करता तो इसलिए उसे आभास नहीं होता कि किस तरह से उसे लूटा जा रहा है। जबकि दुकानदार अपने ग्राहक के साथ ऐसा नहीं करता। दीपावली पर तरह-तरह की सेल दिखाकर कंपनियां छलावा कर रही हैं। - संजय चांदी वाला, सदस्य, साहूकार सर्राफा कमेटी।
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