Ansal fraud : निदेशक पिता-पुत्र पर एक और रिपोर्ट दर्ज

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Published By Vinay Shukla
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इंदिरानगर के पीड़ित ने लगाया करीब 4.20 लाख हड़पने का आरोप

Ansal fraud News : हाइटेक टाउनशिप के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले अंसल निदेशक पिता-पुत्र समेत अन्य के खिलाफ एक और धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि कंपनी निदेशकों ने पीड़ित ने करीब 4.20 लाख से अधिक की रकम लेने के बाद भी आवासीय भवन नहीं दिया। रुपये वापस मांगने पर धमकाया गया। इंस्पेक्टर अंजनी कुमार मिश्र ने बताया कि मामले की जांच शुरु कर दी है।

इंदिरानगर निवासी -ब्लॉक निवासी मुकेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि सितंबर 2013 में अंसल प्राॅपर्टीज एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर में संपर्क किया था। बातचीत में निदेशक सुशील कुमार अंसल और उनके बेटे प्रणव अंसल ने सुल्तानपुर रोड पर हाईटेक टाउनशिप विकसित करने का झांसा दिया था। बताया था कि उक्त प्रोजेक्ट का नक्शा लखनऊ विकास प्राधिकरण से पास है।

बुकिंग के लिए लाटरी पद्धति से भवनों का आवंटन करना पड़ रहा है। आरोपी पिता-पुत्र की लुभावनी स्कीम के जाल में फंसे मुकेश ने 5.85 लाख का भरोसा एलआईजी भवन बुक कराया। बुकिंग के दौरान 2 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जमा किया था। तीन माह बाद अंसल की ओर से उन्हें एक पत्र भेजा गया। जिसमें बताया गया कि एलआईजी योजना सरकार के शासनादेश से संचालित होती है। शासनादेश के तहत भवन की कीमत बढ़ाकर 7 लाख कर दी गयी है।

मार्च 2014 में 20 हजार जमा कर भवन निर्माण की प्रगति देखने के लिए पत्र भेजा गया। पीड़ित ने चेक से रुपये जमा किए। कुछ दिन बाद फिर एक भेजकर बताया गया कि लॉटरी में उनके नाम से भवन आवंटित हो गया है। लिहाजा 1.75 लाख आवंटन राशि जमा कर दें। पीड़ित मुकेश ने उक्त रकम भी जमा कर दी। इसपर उन्हें आवंटन पत्र भेज दिया गया। 2015 में उन्हें बताया गया कि भवन की कीमत सात लाख से बढ़ाकर 8.40 लाख कर दी गयी है। इसके बाद 2016 में 19,975 रुपये जमा कराए गए। पीड़ित विकास कार्य के बारे में पूछने गया तो सरकारी काम की बात कहकर टालमटोल की गयी। 12 साल बाद भी पीड़ित को ही मकान मिला और ही रुपये वापस हुए।

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