रायबरेली : अमावस्या पर जल तर्पण और पिंडदान कर किया गया पितृ विसर्जन

रायबरेली, अमृत विचार। पितृ पक्ष की अमावस्या के अवसर पर गंगा तट डलमऊ के विभिन्न घाटों पर हजारों की संख्या में लोगों द्वारा गंगा स्नान कर अपने पितरों को पिंडदान और जल तर्पण करते हुए पितृ विसर्जन किया गया। अपने पितरों से परिजनों के कल्याण हेतु प्रार्थना की गई।
शनिवार को पितृ पक्ष की अमावस्या के अवसर पर प्रातः काल से ही हजारों की संख्या में लोग गंगा तट डलमऊ के स्नान घाटों पर पहुंचकर स्नान करते हुए अपने तीर्थ पुरोहितों से पूर्वजों एवं पितरों के आत्मा की विभिन्न प्रकार के बंधनों से मुक्ति के लिए पिंडदान करते हुए जल तर्पण कर पितृ विसर्जन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। पितरों से परिवार और जनकल्याण हेतु प्रार्थना की गई। तीर्थ पुरोहितों को यथाशक्ति दान दक्षिणा कर पितरों की आत्मा को तृप्त करने हेतु ब्राह्मणों को भोजन आदि कराया गया।
संस्कृत महाविद्यालय बड़ा मठ के स्वामी दिव्यानंद महाराज ने बताया कि अमावस्या के दिन सभी भूले बिछड़े पितरों की आत्मा को बंधन मुक्त करने के लिए जल तर्पण और पिंडदान करते हुए पितृ विसर्जन किया जाता है। जिससे पितरों की भटकती आत्माएं मुक्त हो जाती हैं और सायं काल पितृ दोष के निवारण हेतु अमावस्या के दिन नदी पोखर आदि में दीपक जलाने से पितृ दोष से मोक्ष मिल जाती है।
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