Israel-Palestine War: भयंकर मोड़ लेता जा रहा इजरायल-हमास युद्ध, दो हिस्सों में बंटी इस्लामिक दुनिया! दिए ऐसे रिएक्शन
गाजा/यरूशलम। इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जंग छिड़ गई है। इस जंग में अबतक 700 लोगों की मौत हो गई और करीब 2,000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। इन हमलों में अब तक 24 विदेशी नागरिकों की जान जाने की खबर है। इनमें नेपाल के 10 अमेरिका के 4 नागरिक भी शामिल हैं। अब इस लड़ाई को लेकर इस्लामिक देशों की प्रतिक्रिया सामने आई है। हमास के इस हमले को लेकर जहां पश्चिमी देश इजरायल के साथ खड़े दिख रहे हैं, वहीं, ज्यादातर मुस्लिम देश फिलिस्तीन के समर्थन में बोल रहे हैं। शनिवार को अचानक फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया जिसके बाद इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया।
ईरान के विदेश मंत्रालय ने हमास के इजरायल पर हमले के बाद कहा कि यह हमला फिलिस्तीनियों की तरफ से आत्मरक्षा के लिए उठाया गया एक कदम है। इसी के साथ ही विदेश मंत्रालय ने मुस्लिम देशों से अपील की है कि वो फिलिस्तीन का समर्थन करें। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा, 'यह ऑपरेशन...अपने अधिकारों की रक्षा और इजरायल की युद्धोन्मादी और उत्तेजक नीतियों के प्रति फिलिस्तीनियों की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। यह फिलिस्तीन के सताए हुए लोगों का आंदोलन है।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई के शीर्ष सलाहकार अली अकबर वेलायती ने एक बयान में कहा कि हमास का यह सफल ऑपरेशन निश्चित रूप से इजरायलियों के पतन में तेजी लाएगा और जल्द ही उनका विनाश होगा। उन्होंने कहा, 'मैं इस महान और रणनीतिक जीत पर बधाई देता हूं। मेरी यह बधाई क्षेत्र के समझौता करने वाले लोगों के लिए गंभीर चेतावनी है।'
एक रिपोर्ट में कहा कि रविवार को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने फिलिस्तीनी आतंकी संगठनों हमास और इस्लामिक जिहाद के नेताओं से बात की। रिपोर्ट में कहा, 'रईसी ने इस्लामिक जिहाद आंदोलन के महासचिव जियाद अल-नखलाह और हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख इस्माइल हनियेह के साथ फोन पर बात की और फिलिस्तीन के घटनाक्रम पर चर्चा की। कुवैत ने इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच के घटनाक्रम पर अपनी 'गंभीर चिंता' व्यक्त की और "ज़बरदस्त हमले" के लिए इज़रायल को दोषी ठहराया।
अमेरिका ने संरा बैठक में की हमास की निंदा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रविवार को बंद कमरे में आपात बैठक की। इस बैठक में अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्य देशों से हमास द्वारा किए गए आतंकवादी हमले की निंदा की मांग की। लेकिन सुरक्षा परिषद ने इस पर तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की। अमेरिका के उप राजदूत रॉबर्ट वुड ने इसके बाद कहा कि अधिकांश देशों ने हमास के हमले की निंदा की लेकिन परिषद के सभी सदस्यों ने ऐसा नहीं किया। संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली नेबेंजिया ने एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को बताया कि अमेरिकियों ने बैठक के दौरान यह कहने की कोशिश की कि रूस हमलों की निंदा नहीं कर रहा है, लेकिन यह झूठ है। मैंने अपनी टिप्पणियों में (हमास हमले की) निंदा की थी। हम नागरिकों पर हर प्रकार के हमलों की निंदा करते हैं।
'रूस का संदेश, लड़ाई को तुरंत रोका जाए'
नेबेंजिया ने कहा कि रूस का संदेश है, लड़ाई को तुरंत रोका जाए, संघर्ष विराम हो और सार्थक बातचीत करना महत्वपूर्ण है, जो दशकों से रुकी हुई है। चीन के राजदूत झांग जून ने बैठक में कहा कि बीजिंग नागरिकों पर हर प्रकार के हमलों की निंदा करता है, हालांकि उन्होंने हमास का जिक्र नहीं किया। झांग ने कहा, वास्तव में जो महत्वपूर्ण बात यह है कि स्थिति को और अधिक बढ़ने और नागरिकों के हताहत होने से रोक जाए। दो-राष्ट्र समाधान पर बात करना भी महत्वपूर्ण है।
'हमास को हिंसक आतंकवादी गतिविधि को समाप्त करना होगा'
इजराइल और फलस्तीनियों के बीच दशकों से जारी संघर्ष के समाधान के लिए दोनों पक्ष के नेताओं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दो-राष्ट्र सिद्धांत को अपना घोषित लक्ष्य बताया है। संयुक्त राष्ट्र, अरब लीग, यूरोपीय संघ, रूस और अमेरिका इसके लिए अपनी प्रतिबद्धता बार-बार दोहराते रहे हैं। वुड ने स्पष्ट किया कि अमेरिका का ध्यान इस अकारण आक्रमण और आतंकवादी हमलों के लिए हमास की निंदा करने पर केंद्रित है और उन्होंने कहा कि हमास को इजराइली लोगों के खिलाफ हिंसक आतंकवादी गतिविधि को समाप्त करना होगा।
अमेरिकी नेता शूमर ने की हमास हमले के बाद चीन की आलोचना
अमेरिकी सीनेट में बहुमत दल के नेता चक शूमर ने सोमवार को चीन की आलोचना की और चीन के विदेश मंत्री वांग यी को बताया कि हाल में हमास के हमले पर चीन की टिप्पणी को लेकर वह बहुत निराश हैं क्योंकि एशियाई राष्ट्र ने इजराइल के प्रति किसी प्रकार की सहानुभूति या फिर समर्थन नहीं दिखाया। संसद के उच्च सदन में बहुमत दल के नेता शूमर, इस सप्ताह चीन के दौरे पर पहुंचे छह अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। तीन डेमोक्रेट और तीन रिपब्लिकन सांसदों वाले इस प्रतिनिधिमंडल का 2019 के बाद से अमेरिकी सांसदों द्वारा किया जाने वाला यह पहला चीनी दौरा है। यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब अमेरिकी संसद में चीन पर लगातार हमला बोला जा रहा है। शूमर ने कहा, ''मैं आपसे और चीनी लोगों से इजराइली लोगों के साथ खड़े होने और इन कायरना व घातक हमलों की निंदा करने का आग्रह करता हूं।'' चीन के विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में दोनों पक्षों से संयम बरतने और दुश्मनी को तुरंत समाप्त करने का आह्वान किया था। हालांकि बयान में शनिवार को तड़के हमास द्वारा किए गए इस घातक हमले का कोई उल्लेख नहीं किया गया। चीन के मंत्रालय ने अपने बयान में यह भी कहा था कि एक स्वतंत्र देश के रूप में फलस्तीन की स्थापना इस मुद्दे को हल करने का सबसे सही तरीका है।
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